हैदराबाद के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की 110 करोड़ की टैक्‍स चोरी! कैसे हुआ खेल

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Last Updated:February 06, 2025, 10:13 IST

Income Tax Fraud : इनकम टैक्‍स‍ विभाग ने हैदराबाद में आयकर के नए फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. विभाग ने बताया कि कई कर्मचारियों ने राजनीतिक दलों को चंदा देने के नाम पर फर्जी तरीके से टैक्‍स रिफंड क्‍लेम किया.

हैदराबाद के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की 110 करोड़ की टैक्‍स चोरी! कैसे हुआ खेल

इनकम टैक्‍स विभाग ने टैक्‍स छूट को लेकर फर्जीवाड़े का खुलासा किया है.

हाइलाइट्स

  • हैदराबाद के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने 110 करोड़ की टैक्स चोरी की.
  • आयकर विभाग ने फर्जी टैक्स रिफंड का खुलासा किया.
  • कर्मचारियों को नोटिस भेजकर टैक्स वसूली की जाएगी.

नई दिल्‍ली. हैदराबाद के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने इनकम टैक्‍स विभाग को 110 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. 36 कंपनियों ने कई कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से इनकम टैक्‍स रिफंड क्‍लेम करके विभाग को यह चूना लगाया है. आयकर विभाग ने जांच में इसका खुलासा किया और अब इन आरोपी कर्मचारियों से टैक्‍स वसूली करने का प्‍लान बना रहा है. आईटी विभाग ने अपनी जांच में कहा कि इन कर्मचारियों ने डोनेशन के नाम पर फर्जी तरीके से क्‍लेम किया है.

आयकर विभाग का कहना है कि आईटी प्रोफेशनल्‍स ने तमाम पंजीकृत गैर मान्‍यता प्राप्‍त राजनीतिक दलों को करोड़ों रुपये का दान दिया और इस पर इनकम टैक्‍स की धारा 80जीसीसी के तहत टैक्‍स छूट का दावा किया. आयकर विभाग का कहना है कि इस कानून के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले दान या डोनेशन पर टैक्‍स छूट का लाभ मिलता है. लेकिन, इन प्रोफेशनल्‍स ने इसी कानून का फायदा उठाकर गलत तरीके से टैक्‍स क्‍लेम किया.

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क्‍या है इस घोटाले का तरीका
आयकर विभाग की जांच में 110 करोड़ रुपये के रिफंड घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें 36 कंपनियों के आईटी पेशेवरों ने राजनीतिक चंदे के नाम पर टैक्स रिफंड का दावा किया. असल बात ये है कि उन्होंने कोई चंदा नहीं दिया था. इसका मतलब हुआ कि बिना कोई डोनेशन दिए ही, इन कर्मचारियों ने राजनीतिक दलों के नाम पर जमकर टैक्‍स छूट का लाभ उठाया.

कैसे पकड़ में आया मामला
जांचकर्ताओं का ध्यान एक आईटी कर्मचारी के क्‍लेम पर गया, जिसकी सैलरी 46 लाख रुपये थी और उसने 45 लाख रुपये का चंदा देने का दावा किया था. कुछ मामलों में ये राजनीतिक पार्टियां चेक या बैंक ट्रांसफर के जरिये चंदा स्वीकार करती थीं और फिर कमीशन काटकर नकद में वापस कर देती थीं. इसके बाद विभाग ने कई अन्‍य करदाताओं के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी और इतना बड़ा मामला सामने आया.

पहले भी फर्जीवाड़े का खुलासा
पिछली जांच में हाउस रेंट अलाउंस (HRA), शिक्षा ऋण और होम लोन ब्याज के दावों में धोखाधड़ी का खुलासा हुआ था. 2023 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए फर्जी रिफंड दावों पर कार्रवाई की गई थी. अब ध्यान निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर केंद्रित हो गया है. एक महत्वपूर्ण सफलता तब मिली जब जांचकर्ताओं ने एक सामान्य ईमेल पता ट्रैक किया, जिसका उपयोग कई आईटी कर्मचारी फर्जी रिटर्न दाखिल करने के लिए कर रहे थे. इसके बाद उसी राशि को झूठे तौर पर टैक्स कटौती योग्य चंदे के रूप में दावा किया गया.

इन पार्टियों ने कभी नहीं लड़ा चुनाव
इनकम टैक्‍स विभाग ने खुलासा किया कि कर्मचारियों ने जिन राजनीतिक दलों को चंदा दिया था, उनमें से कई पार्टियों ने तो कभी चुनाव नहीं लड़ा है और चुनाव आयोग को अपने योगदान की रिपोर्ट भी नहीं सौंपी है. अब विभाग 2021-22 से 2023-24 के वित्तीय वर्षों के टैक्स रिटर्न की जांच करने की योजना बना रहा है और करदाताओं को गलत दावों को वापस लेने का निर्देश देगा. यह कर्मचारियों को नोटिस भेजेगा और उनके रिफंड दावों की वैधता पर सवाल उठाएगा और बताएगा कि कटौतियों को क्यों अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.

कर्मचारियों को भेजे जाएंगे नोटिस
आयकर विभाग का कहना है कि जो करदाता टेक्नोलॉजी क्षेत्र में काम करते हैं और जिन्होंने धारा 80GGC के तहत कटौती का दावा किया है, उन्हें एसएमएस और ईमेल अलर्ट भेजे जाएंगे. इससे वे अपनी फाइलिंग की पुनः जांच करें. यदि उन्होंने गलत दावे किए हैं, तो उन्हें 31 मार्च, 2025 से पहले एक अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल करना होगा ताकि 200% जुर्माने से बचा जा सके. सूत्रों ने खुलासा किया कि कई प्रमुख टेक कंपनियां अब धारा 80GGC के तहत कटौती की प्रक्रिया नहीं कर रही हैं और इसके बजाय स्रोत पर कर कटौती (TDS) का विकल्प चुन रही हैं. हालांकि, कर्मचारी इसे दरकिनार कर बाद में स्वतंत्र रूप से रिफंड का दावा कर रहे हैं.

कितने रुपये का दावा किया
एक प्रमुख आईटी कंपनी में कार्यरत 430 कर्मचारियों ने इनकम टैक्‍स की इस धारा के तहत 17.8 करोड़ रुपये की कटौती का दावा किया. इस तरह, औसतन प्रत्येक कर्मचारी को 4.2 लाख रुपये इनकम टैक्‍स रिफंड के रूप में वापस मिले. इसमें कंपनी की कोई भूमिका नहीं थी, क्योंकि कर्मचारियों ने कानून का उल्लंघन किया था. अब आयकर विभाग ने प्रमुख आईटी और वित्तीय कंपनियों में सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि कर्मचारियों को धारा 80GGC का दुरुपयोग करने से रोका जा सके.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 06, 2025, 10:13 IST

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