Last Updated:February 06, 2025, 12:03 IST
लता मंगेशकर, जिन्हें 'स्वर साम्राज्ञी' कहा जाता है भले ही आज लोगों के बीच नहीं हैं, लेकिन हर कोई उन्हें आज भी याद करता है और वो हमेशा लोगों के मन में अमर रहेंगी. लता मंगेशकर जी ने तमाम गाने गाए हैं और लोगों को ...और पढ़ें
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लता मंगेशकर का असली नाम...(फोटो साभार- instagram)
हाइलाइट्स
- लता मंगेशकर का असली नाम हेमा था.
- उन्होंने 5 साल की उम्र में गाना शुरू किया.
- 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत ने नेहरू को भावुक कर दिया.
नई दिल्ली. लता मंगेशकर, जिन्हें ‘स्वर साम्राज्ञी’, ‘बुलबुले हिंद’ और ‘कोकिला’ जैसे नामों से जाना जाता है, हमेशा हमारे दिलों में बसी रहेंगी. उनकी आवाज से लाखों लोग जुड़ चुके हैं और उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में गूंजते हैं. हालांकि 6 फरवरी 2022 को लता मंगेशकर का निधन हो गया, लेकिन उनकी आवाज अमर रहेगी. आज उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर, हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प और अनकही बातें आपके साथ शेयर कर रहे हैं.
लता मंगेशकर का असली नाम हेमा था, लेकिन उन्होंने अपना नाम एक फेमस नाटक के पात्र ‘लतिका’ से प्रेरित होकर लता रख लिया था. उनके पिता, जो एक थिएटर एक्टर और शास्त्रीय सिंगर थे, के नाटक ‘भाव बंधन’ के एक पात्र के नाम से ही ये नाम लिया गया था.
पांच साल की उम्र में शुरुआत
लता मंगेशकर का संगीत से परिचय बचपन में ही हो गया था. उनके पिता के शास्त्रीय गायन और थिएटर से जुड़ी होने के वजह से लता को बहुत छोटी उम्र से संगीत की शिक्षा मिली थी. केवल पांच साल की उम्र में ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया था. एक बार उन्होंने अपने पिता के शागिर्द की गाई हुई राग में गड़बड़ी को ठीक कर दिया, जिससे उनके पिता को ये अहसास हुआ कि उनकी बेटी में एक शानदार सिंगर बन सकती हैं.
पहला गाना कभी लाइव नहीं हुआ
लता मंगेशकर ने अपने करियर की शुरुआत 1938 में की थी, जब उन्होंने नौ साल की उम्र में शोलापुर के नूतन थिएटर में पब्लिकली परफॉर्म किया था. 1942 में, उन्होंने मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था, लेकिन वो गाना फिल्म के लास्ट कट से हटा दिया गया था.
लता मंगेशकर का कहना था कि उन्होंने कभी अपने गाने नहीं सुने, क्योंकि उन्हें हमेशा अपनी गानों में कुछ खामियां नजर आती थीं.
नेहरू भी रो पड़े थे लता के गाने पर
लता मंगेशकर के गाए देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी भावुक कर दिया था. ये गीत 1962 में हुए युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित किया गया था और जब इसे 27 जनवरी 1963 को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में गाया गया, तो प्रधानमंत्री नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे.
लता मंगेशकर का रिकॉर्ड
लता मंगेशकर ने रॉयल अल्बर्ट हॉल में लाइव परफॉर्म कर पहली भारतीय कलाकार के तौर पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई. ये उनका पहला इंटरनेशनल परफॉर्मेंस थी और ये उनके शानदार करियर का अहम मील का पत्थर साबित हुआ.
लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था, क्योंकि उन्होंने लगभग 25,000 गाने रिकॉर्ड किए थे. 1974 के गिनीज बुक में उन्हें सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली कलाकार के रूप में लिस्ट किया गया था. हालांकि, ये दावा कुछ विवादों का कारण भी बना, खासकर जब मोहम्मद रफी ने इस पर आपत्ति जताई थी.
Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
February 06, 2025, 12:03 IST
लता मंगेशकर ने क्यों बदला था अपना नाम? जानिए उनकी जिंदगी के 7 अनसुने पहलू!