Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:February 06, 2025, 14:15 IST
Haridwar: साल में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी का अपना-अपना महत्व है और इस दिन व्रत का अलग-अलग फल भी मिलता है. इसी क्रम में 8 फरवरी को जया एकादशी होगी. इस दिन व्रत करने से ये फायदे मिलते हैं.
जया एकादशी 2025
हाइलाइट्स
- 8 फरवरी को जया एकादशी का व्रत किया जाएगा.
- जया एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- इस दिन चावल या चावल से बनी वस्तुएं वर्जित हैं.
हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक साल में 24 एकादशी होती हैं. एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार एकादशी का व्रत विधि विधान से करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ अनेकों लाभ मिलते हैं. हर एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व होता है. किसी एकादशी के व्रत को करने से जीवन में आईं समस्याएं खत्म होती हैं तो किसी एकादशी पर पुत्र प्राप्ति के योग बनते हैं.
माघ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत विधि विधान से करने पर विशेष लाभ होता है. इस एकादशी का व्रत करने से जीवन में आईं सभी समस्याएं खत्म होने के साथ मरने के बाद सद्गति मिलती है जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ये माह भगवान शिव को समर्पित
माघ मास शुक्ल पक्ष की जया एकादशी का महत्व लोकल 18 को बताते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि माघ मास भगवान शिव को समर्पित होता है और इस माह में जया एकादशी का व्रत करने से भगवान शिव के साथ विष्णु भगवान की भी कृपा होती है.
मुख्य रूप से जया एकादशी का व्रत करने पर सद्गति यानी मरने के बाद सद्गति होने से मोक्ष मिलने की धार्मिक मान्यता है. वहीं इस व्रत को विधि विधान से करने पर सभी पापों का नाश होता है और सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
इस दिन है जया एकादशी
8 फरवरी 2025 को जया एकादशी का व्रत किया जाएगा. 7 फरवरी की रात 9:27 से एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी जो 8 फरवरी की रात 8:15 तक रहेगी. उदया तिथि 8 फरवरी होने से यह व्रत 8 फरवरी को ही किया जाएगा. व्रत के दौरान चावल या चावल से बनी कोई भी खाद्य वस्तु ग्रहण करना पूर्ण रूप से वर्जित होता है. साथ ही विष्णु भगवान के स्त्रोत, मंत्र आदि का पाठ और जाप करने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है.
Location :
Hardwar,Uttarakhand
First Published :
February 06, 2025, 14:15 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.