ममता कुलकर्णी के बाद महाकुंभ में एक और महामंडलेश्वर, अब इस साध्वी को मिली पदवी

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Last Updated:February 06, 2025, 16:27 IST

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में तीनों अमृत स्नान पूरे होने के बाद अब अखाड़ों की विदाई का समय आ गया है. किन्नर अखाड़े से महामंडलेश्वर के पद से हटाई जाने वाली ममता कुलकर्णी के बाद एक और महामंडलेश्वर बनाया गया है. हाल...और पढ़ें

ममता कुलकर्णी के बाद महाकुंभ में एक और महामंडलेश्वर, अब इस साध्वी को मिली पदवी

साध्वी सत्यप्रिया गिरी को बनाया महामंडलेश्वर.

हाइलाइट्स

  • साध्वी सत्यप्रिया गिरि बनीं निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर.
  • साध्वी सत्यप्रिया ने 8 साल की उम्र में पहली कथा सुनाई.

प्रयागराज: महाकुंभ मेले में आस्था का सैलाब जारी है. तीनों अमृत स्नान पूरे होने के बाद अब अखाड़ों की विदाई का समय आ गया है. किन्नर अखाड़े से महामंडलेश्वर के पद से हटाई जाने वाली ममता कुलकर्णी के बाद एक और महामंडलेश्वर बनाया गया है. हालांकि, निरंजनी अखाडा को नया महामंडलेश्वर मिला है. साध्वी सत्यप्रिया गिरि का पट्टा अभिषेक हुआ. उन्हें निरंजनी अखाड़े की छावनी में महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई है.

पुष्पों की वर्षा की गई
पट्टाभिषेक कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्रपुरी के साथ ही आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नंद गिरी और साध्वी ऋतम्भरा समेत अन्य महामंडलेश्वर, संत-महंत व तमाम संन्यासी व भक्त मौजूद थे. साध्वी सत्यप्रियागिरी का पट्टाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया. सबसे पहले आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी और महंत रवींद्रपुरी ने चादरपोशी की रस्म अदा की. इसके बाद साध्वी सत्यप्रिया गिरी की गुरु साध्वी ऋतम्भरा ने भी उनकी चादरपोशी कर उनके ऊपर पुष्पों की वर्षा कर आशीर्वाद दिया.

संतों की वाणी जीवन के…
आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नंद गिरि महाराज ने कहा की संतों की वाणी जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहरे विचार और उपदेश देने का एक माध्यम होता है . वहीं, अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा की गुरुजन अपने शिष्यों कों सत्य के मार्ग पर चलने के लिए अग्रसर करते हैं , जिससे सनातन परंपराओ को आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा की हम आशा करते हैं की नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी सत्यप्रिया गिरि भी अखाड़ों की परंपरा का निर्वाह करते हुए उसी मार्ग पर चलेंगी, जिन आदर्शो पर संत महापुरुष चलते हैं.

महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी ने कहा कि संत सनातन धर्म के सच्चे हितेशी होते हैं क्योंकि वे न केवल धर्म और अध्यात्म के पालन में विश्वास रखते हैं, बल्कि समाज में सत्य, अहिंसा, प्रेम और भाईचारे का प्रचार भी करते हैं.

सत्यप्रिया गिरी ने कही ये बात
नव नियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी सत्यप्रिया गिरी ने कहा कि आज हमें गुरुजनों का आशीर्वाद मिला हैं. उन्होंने कहा की गुरुजनों ने जो हमें पदभार सौंपा है. हम अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियां को पूरी निष्ठा, ईमानदारी के साथ समर्पण की भावना से निर्वाहन करेंगे.

ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर दादा गुरुदेव स्वामी परमानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशौका नंद, कथा व्यास देवकीनंदन ठाकुर , अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी,महंत ओमकार गिरी, महंत राधे गिरी, महंत दिनेश गिरी, दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा, कथा व्यास स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी हरिओम गिरि महामंडलेश्वर स्वामी निरंजन ज्योति,श्री महंत शंकरा नंद, सरस्वती महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, श्री महंत राधे गिरी, माता स्वामी मीरा गिरी, , माता स्वामी अनंतानंता नंद,स्वामी बलबीर गिरि, माता स्वामी ललिता नंद गिरि,स्वामी विज्ञाना नंद ,महंत दिनेश गिरी, महंत राकेश गिरी, महंत राज गिरी समेत कई संत महापुरुष उपस्थित रहे.

कौन हैं साध्वी सत्यप्रिया?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साध्वी सत्यप्रिया मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं और श्रीमद्भागवत कथा की वक्ता हैं. साध्वी सत्यप्रिया किशोरी का जन्म 2004 में बसंत पंचमी के दिन हुआ. बचपन से ही धर्म में रुचि रखते हुए 5 वर्ष की उम्र में उन्होंने खुद को ईश्वर को समर्पित कर साध्वी बनने की इच्छा जताई. 8 वर्ष की उम्र में पहली श्रीमद्भागवत कथा सुनाई. अब तक 100 से अधिक कथा और यज्ञ कर चुकी हैं.

Location :

Allahabad,Uttar Pradesh

First Published :

February 06, 2025, 16:27 IST

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