Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 04, 2025, 13:51 IST
Ajmer News: अजमेर के एक होटल में आईपीएस अफसर कर्मचारियों से भिड़ गए. अफसर को पॉवर दिखाना भारी पड़ गया. अब डेढ़ साल बाद आईएएस और आईपीएस सहित 12 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया.
हाइलाइट्स
- डेढ़ साल पहले आईपीएस अफसर ने होटल कर्मचारियों से मारपीट की थी.
- मारपीट की इस घटना के बाद आईपीएस और आईएएस का सस्पेंड किया गया था.
- अब कोर्ट ने 12 अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी किया.
रिपोर्टः अशोक सिंह भाटी
अजमेरः राजस्थान के अजमेर के एक होटल में करीब डेढ़ साल पहले आईपीएस अफसर के मारपीट करना की घटना हुई थी. इस विवाद में आईपीएस-आईएएस अधिकारी शामिल थे. जिसमें अफसरों के होटल स्टाफ से मारपीट करने का आरोप था, लेकिन थाने की जांच में सबको क्लीन चिट दे दी गई. मामला यहीं नहीं थमा बल्कि कोर्ट तक जा पहुंचा. अब कोर्ट ने सख्त आदेश जारी करते हुए अधिकारियों समेत 12 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया है. इसमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी की भी गिरफ्तार हो सकती है.
मामला 11 जून 2023 का है. जब जयपुर रोड स्थित होटल मकराना राज के बाहर आईपीएस सुशील बिश्नोई और आईएएस गिरधर समेत अन्य अफसर बैठे थे. इमसें तहसीलदार मुकेश जाट ,कनिष्ठ अभियंता हनुमान चौधरी और पटवारी नरेंद्र चौधरी बाहर बैठे थे. इस बीच टॉयलेट करने के लिए जब आईपीएस सुशील कुमार अंदर पहुंचे तो शराब के नशे में होने की वजह से होटल के कर्मचारियों से कहासुनी हो गई. बात इतनी बड़ी कि कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई. मामले में गेगल थाना पुलिस को सूचित किया गया. वहां से आए अधिकारियों ने भी सभी कर्मचारियों के साथ डंडों से मारपीट कर घायल कर दिया. जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था.
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तत्कालीन एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया. घटनाक्रम लगातार बढ़ता गया, जिसके चलते पुलिस को पीड़ित कर्मचारी तेजपाल सहित अन्य कर्मचारियों का मुकदमा दर्ज करना पड़ा. इसमें समझाइश भी की गई, लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद मामले में पुलिस ने सभी को बचाने के लिए एडिशनल एसपी मोहम्मद खान के निर्देश पर मामले में एफआर लगाने की प्रक्रिया शुरू की. गेगल थाना पुलिस ने अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रमांक 2 के समक्ष एफ आर लगाई. इस मामले में साक्ष और गवाह को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी फुटेज काफी अध्ययन किया गया.
न्यायालय माना कि इस मामले में गेगल थाना पुलिस ने लापरवाही पूर्वक कैसे को कमजोर किया है. जिसके बाद एफआर को ना मंजूर करते हुए सभी 12 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए गए हैं. न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल ने आदेश में कहा कि जांच अधिकारी ने अनुसंधान निष्कर्ष में स्पष्ट है कि आरोपियों ने पुलिस जांच में सहयोग नहीं किया. इसलिए इस मामले में हस्तक्षेप किया जाना न्यायोचित और न्याय संगत प्रतीत होता है. मालूम हो की घटना में आईएएस आईपीएस के शामिल होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने सरकार को नहीं बताया और इस मामले में की रही उषा शर्मा ने भी नाराज की व्यक्त करते हुए दोनों अधिकारियों को सस्पेंड किया था.
अदालत ने कहा कि आरोपियों में वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं. इसलिए इनका गिरफ्तारी वारंट तामील करने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की है. विशेष कार्रवाई कर वारंट तामील कराया जाए. इसके साथ ही एसपी साहब को हर सप्ताह मामले की रिपोर्ट देनी होगी. साथ ही केस की डायरी भी पेश कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
Location :
Ajmer,Rajasthan
First Published :
February 04, 2025, 13:51 IST