10000000 का इनामी कमांडर जयराम कैसे मारा गया? उसके एनकाउंटर की असल स्‍टोरी

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Last Updated:January 22, 2025, 10:05 IST

Chhattisgarh Gariyaband Naxal commandant Jairam Encounter : गरियाबाद में नक्‍सलों के खिलाफ एनकाउंटर अभी जारी है. शवों के बरामद होने का सिलसिला अब भी जारी है और सुरक्षा एजेंसी को यह उम्मीद है कि अन्य बड़े नेता भी...और पढ़ें

10000000 का इनामी कमांडर जयराम कैसे मारा गया? उसके एनकाउंटर की असल स्‍टोरी

नक्सली कमांडर जयराम पिछले 6 महीनों में सुरक्षाबलों के ऊपर जितने भी हमले छत्तीसगढ़ में हुए हैं, उसका मास्टरमाइंड रहा..

रायपुर : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन जारी है, जिसमें मंगलवार को एक करोड़ का नक्‍सली कमांडर मारा गया. इस कमांडर का नाम अप्‍पाराव उर्फ चलपती उर्फ जयराम था. हालांकि इसका मूल नाम प्रताप रेड्डी रामाचंद्रा रेड्डी था. अभियानों को लेकर अगर बात की जाए तो पिछले 1 साल से लगातार सुरक्षाबलों का दबाव नक्सलियों के काडर पर पड़ता रहा है.. जिस वजह से वह अपना ठिकाना छोड़कर दूसरे ठिकाने की तलाश कर रहे हैं.. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद एनकाउंटर में भी नक्सलियों की इस चाल का खुलासा हुआ. मारा गया 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर जयराम हाल ही के सुरक्षा बलों के दबाव की वजह से इतना ज्यादा हताश था कि वह छत्तीसगढ़ में अपना गढ़ छोड़कर उड़ीसा के सीमावर्ती इलाके में लोकल एरिया कमेटी के बीच रह रहा था. न्यूज़ 18 इंडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, इन्ही अस्थाई ठिकानों से वह नक्सलियों को छत्तीसगढ़ से उड़ीसा भगाने का रास्ता मुहैया करवा रहा था.

दरअसल इस खूंखार नक्सली को मारने की पटकथा एक महीने पहले ही लिखी जा चुकी थी.. जब कुछ दिनों पहले गरियाबंद इलाके में ही सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के साथ एक अहम एनकाउंटर किया था. इसमें कुछ नक्सली मारे गए थे.. उस वक्त भी भालू डिग्गी इलाके में नक्सली काडरों द्वारा बनाए गए एक अस्थाई कैंप में जयराम छुपा हुआ था. इस बात की जानकारी पुलिस और सुरक्षाबलों को मिली.. एक पुख्ता योजना बनाई गई, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ-साथ उड़ीसा पुलिस का भी साथ लिया गया.

भालू डिग्गी पहाड़ को दोनों ओर से दोनों राज्यों की पुलिस ने घेरा यानि दोनों स्‍टेट ने मिलकर काम किया. अर्धसैनिक बल जोकि उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में तैनात थे, इसको अंजाम दिया और अभी भी दे रहे हैं. धीमे-धीमे इस एनकाउंटर के बाद यह फोर्स आगे बढ़ती गई और एक वक्त ऐसा आ गया जब जयराम और उसकी छोटी सी टुकड़ी पूरी तरीके से सुरक्षा बलों और पुलिस से घिर गए. नक्सलियों ने यह पूरी कोशिश की कि जयराम बच निकलकर भाग जाए, लेकिन हाल ही के दिनों में एनकाउंटर का अनुभव सुरक्षाबलों के पास था और फॉरवर्ड ऑपरेटिंग पोस्ट का सपोर्ट था.. लिहाजा नक्सलियों को ऐसा कोई मौका नहीं दिया गया और उनकी इस टुकड़ी को नस्तेनाबूत कर दिया गया.

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के मेंबर जयराम पर कुल एक करोड रुपए का इनाम था. इसमें आंध्र प्रदेश पुलिस, छत्तीसगढ़ पुलिस, ओडिशा पुलिस और अन्य एजेंसी का कुल इनाम है. पिछले कुछ सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व के केंद्रीय कमेटी मेंबर को सुरक्षा बलों द्वारा एनकाउंटर में घेरकर मारा गया हो. सुरक्षा बलों की रणनीति के लिहाज से इस तरीके से केंद्रीय कमेटी के मेंबर का मारा जाना रणनीतिक रूप से नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता है.. क्योंकि इससे पहले या तो केंद्रीय कमेटी के सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया या फिर उनकी स्वाभाविक मौत हुई. पुलिस मुठभेड़ में उनके मारे जाने के इक्का दुक्का मामले अब तक हुए हैं.

न्यूज़18 इंडिया को यह भी एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है क‍ि करीब डेढ़ दर्जन नक्सली जो इस एनकाउंटर में मारे गए हैं, उनमें से 10 से अधिक 5 लाख के इनामी हैं.. ये बड़े काडर के हैं. ये नक्सलियों की छत्तीसगढ़ उड़ीसा बॉर्डर में सक्रिय एसडीके कमेटी से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि एनकाउंटर अभी जारी है. शवों के बरामद होने का सिलसिला अब भी जारी है और सुरक्षा एजेंसी को यह उम्मीद है कि अन्य बड़े नेता भी नक्सलियों के इस एनकाउंटर में मारे गए हैं, जिनकी इनामी राशि 25 लाख तक है.

सुरक्षा और खुफिया एजेंसी के मुताबिक, मारा गया नक्सली कमांडर जयराम पिछले 6 महीनों में सुरक्षाबलों के ऊपर जितने भी हमले छत्तीसगढ़ में हुए हैं, उसका मास्टरमाइंड रहा.. नक्सलवाद के खिलाफ सक्रिय रणनीतिकार अब यह उम्मीद जता रहे हैं कि इस शीर्ष नक्सली नेता के मारे जाने के बाद नक्सलियों का मनोबल पूरी तरीके से टूट जाएगा और आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट आएंगे.

First Published :

January 22, 2025, 10:05 IST

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