फुलवारी रस्म में नाचती महिलाएं
सीतामढ़ी. जनकपुर धाम में फुलवारी रस्म के साथ भगवान श्री राम और माता जानकी की विवाहोत्सव शुरू हो गया है. यह रस्म अगले एक सप्ताह चलने वाला है. इसको लेकर स्थानीय लोगों के अलावा साधु-संतों में जबरदस्त उत्साह है. बड़ी संख्या में बाहर से लोगों का आना शुरू हो गया है. बता दें कि नेपाल के जनकपुर धाम में आयोजित किए जा रहे सात दिवसीय विवाह पंचमी महोत्सव की शुरुआत सोमवार से ही शुरू है. आज नगर परिक्रमा के साथ-साथ रात को फुलवारी लीला होगी. जानकी मंदिर परिसर के मरवा स्थित बगीचे में फुलवारी लीला देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटी रही है.
फुलवारी लीला की झांकी बना आकर्षण का केन्द्र
माना जाता है कि भगवान श्रीराम जब बाग में जाते हैं तो, पहली बार माता जानकी से उनकी मुलाकात होती है. साधु-संतों के द्वारा जानकी मंदिर में माता सीता एवं राम की फुलवारी लीला की झांकी विभिन्न प्रांतों से आए भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा. मंदिरों में सुबह से मंगल जनकपुर हे सखी घर-घर मंगल, मंगल तनेउ बितान हे सखी घर-घर मंगल जैसे मांगलिक गीत भक्तों को भाव-विभोर कर रहे हैं. माता सीता एवं भगवान राम की फुलवारी लीला देखने के लिए सुबह से ही माताएं एवं बहनें मंगल गीत के साथ-साथ हाथों में मेहंदी रचाकर और सज-धजकर प्रभु श्री राम और माता जानकी के प्रथम मधुर मिलन की लीला देखने के लिए पहुंचने लगी थी. जानकी मंदिर से भगवान श्रीराम और माता सीता की झांकी नगर भ्रमण करते हुए पुष्प वाटिका में पहुंचती है. जहां माता जानकी गौरी पूजन के लिए आई हैं और यहां पहली बार श्री राम और जानकी का मिलन हुआ.
कृत्रिम बाजार किया जाएगा स्थापित
धार्मिक मान्यता के अनुसार तारका वद्ध के बाद गुरु विश्वामित्र के साथ विश्वामित्र आश्रम (बिशौल) में विश्राम के बाद धनुष यज्ञ देखने के लिए राजा जनक के आमंत्रण पर जनकपुर धाम पहुंचते हैं. राजा जनक के राजमहल के विशिष्ट अतिथि शाला में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण व विश्वामित्र ठहरते हैं. फिर विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण नगर दर्शन के लिए जाते हैं. नगर दर्शन कार्यक्रम जानकी मंदिर में आयोजित किया जाएगा. अयोध्या से आयी रामलीला मंडली के कलाकार विश्वामित्र, राम व लक्ष्मण के स्वरूप बनेंगे. कृत्रिम बाजार स्थापित किया जाएगा.
बारात में 17 राज्यों के लोग हैं शामिल
राम और लक्ष्मण नगर भ्रमण करेंगे और जनकपुर धाम का बाजार देखेंगे. जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव जानकी मंदिर में जनक की भूमिका निभायेंगे. फूलवारी लीला के बाद तीन दिसंबर को धनुष यज्ञ, चार दिसंबर को तिलकोत्सव, पांच दिसंबर को मटकोर, छह दिसंबर को सीताराम विवाह पंचमी महोत्सव और सात को राम कलेवा (मर्यादी) के बाद विवाह पंचमी महोत्सव का समापन होगा. पांच वर्ष के अंतराल पर अयोध्या से राजेंद्र सिंह पंकज की अगुवाई में बारात अयोध्या से चली है. बता दें कि बारात में 17 राज्यों के लोग शामिल हैं.
Tags: Bihar News, Local18, Lord Ram
FIRST PUBLISHED :
December 3, 2024, 16:21 IST