नई दिल्ली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट के बाद अपने पहले एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में देश के डिफेंस सेक्टर की प्रगति को जमकर सराहा और कहा कि हम दूसरे देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं. एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के डिफेंस सेक्टर को लेकर बड़ी घोषणाएं नहीं होने और बजट आवंटन को ज्यादा नहीं बढ़ाए जाने पर छिड़ी चर्चाओं लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने समझाया कि कैसे डिफेंस के लिए बजट का आवंटन बेहद सोच-समझकर किया जाता है. साथ ही कहा कि इस बार डिफेंस बजट में कोई कटौती नहीं की गई है.
वित्त मंत्री ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि डिफेंस सेक्टर के लिए अलॉटमेंट कम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि डिफेंस पेंशंस और रक्षा खरीद व इसके बाद के खर्चे अलग-अलग हैं. इन्हें कम नहीं करते हुए हम इस पर ध्यान देते हैं कि इसे कैसे आगे ले जाना है. इस बार भी डिफेंस के बजट में कोई कटौती नहीं की गई है.
अनिश्चितता को समझना चाहिए: वित्त मंत्री
उन्होंने कहा कि हमें डिफेंस बजट में अनिश्चितता को समझना चाहिए. उन्होंने कहा, "जिस साल उन्हें पेमेंट करना होता है, उस साल ज्यादा प्रावधान करना होता है. वहीं जिस साल वह ऑर्डर पे करते हैं, उन्हें पहली इंस्टॉलमेंट देनी होती है. उनका एक लॉन्ग टर्म प्रोजेक्ट प्लान होता है और अगर आयात किया जाता है तो उसी के अनुसार व्यवस्था की जाती है."
25 हजार करोड़ से ज्यादा का रक्षा निर्यात
उन्होंने देश के डिफेंस सेक्टर में लगातार आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ते कदमों लेकर कहा कि भारत में बनने वाले करीब 60 फीसदी रक्षा उपकरणों को भारत में ही खरीदा जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशों से कुछ बड़ी चीजों को आयात किया जाता है और वो अलग है. उन्होंने कहा कि भारत का डिफेंस प्रोडक्शन सिर्फ भारत के लिए नहीं है, बल्कि दूसरे देशों को भी रक्षा उपकरणों का निर्यात किया जा रहा है. भारत का रक्षा निर्यात 25 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है.
6.81 लाख करोड़ रुपये का रक्षा बजट
इससे पहले, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2025-26 के रक्षा बजट के लिए लिए 6,81,210 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. यह चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.53 प्रतिशत अधिक है. इस प्रकार रक्षा बजट 50,65,345 करोड़ रुपये के कुल बजट का 13.45 प्रतिशत है.
उन्होंने कुल आवंटन में से 1,80,000 करोड़ रुपये की राशि सशस्त्र बलों के पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित की है, जिसमें बड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद शामिल है. रक्षा के लिए बजट अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 1.9 प्रतिशत है और चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित आवंटन 6.41 लाख करोड़ रुपये से लगभग 6.2 प्रतिशत अधिक है.