Explainer: TRAI और सरकार की पहल से किस तरह कम हुए फर्जी कॉल? जानें

6 hours ago 1
Spam Calls, TRAI Image Source : FILE फर्जी कॉल

TRAI और दूरसंचार विभाग यानी DoT ने फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए पिछले दिनों कई नई गाइडलाइंस जारी किए हैं। दूरसंचार कंपनियों को DLT (डिजिटल लेजर टेक्नोलॉजी) और AI बेस्ड कॉल ब्लॉकिंग टेक्नोलॉजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसका फायदा देश के करीब 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स को मिला है। सरकार और दूरसंचार नियामक 2007 से ही मोबाइल यूजर्स को अनजान नंबर से आने वाले फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है। हाल में जारी नई गाइडलाइंस से बड़े पैमाने पर फर्जी यानी Spam कॉल्स पर लगाम लगाया जा सका है।

अनसोलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) जिसे हम आम तौर पर Spam कहते हैं। इससे निपटना करोड़ों मोबाइल यूजर्स के साथ-साथ दूरसंचार नियामक और सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। एक तरफ एजेंसी नई गाइडलाइंस लेकर आती है और दूसरी तरफ स्कैमर्स नए तरीके अपनाकर मोबाइल यूजर्स को परेशान करते हैं। खास तौर पर परेशान करने वाले मार्केटिंग और फ्रॉड वाले कॉल्स की वजह से आए दिन यूजर्स दो-चार होते रहते हैं। ट्राई ने इसे रोकने के लिए क्या-क्या जरूरी कदम उठाए हैं? आइए जानते हैं।

TRAI

TRAI यानी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण का गठन साल 1997 को पार्लियामेंट एक्ट के तहत किया गया था। इसका मुख्य लक्ष्य देश में दूरसंचार और कम्युनिकेशन को बढ़ावा देना और उसे रेगुलेट करना था। ट्राई ने पिछले 28 साल में यूजर्स को ध्यान में रखते हुए कई गाइडलाइंस जारी की है। खास तौर पर टैरिफ ऑर्डर्स ने यूजर्स को बड़े पैमाने पर राहत दी है। फर्जी कॉल्स को रोकने के लिए पिछले साल 2024 में TRAI ने कई गाइडलाइंस जारी की है, जिसकी वजह से यूजर्स को फर्जी काल्स से बड़े पैमाने पर राहत मिली है।

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ट्राई

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (BCT)

दूरसंचार नियामक ने टेलीकॉम कंपनियों को फर्जी कॉल्स की पहचान और उसे ब्लॉक करने के लिए BCT यानी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड सिस्टम को लागू करने का निर्देश दिया है ताकि इस तरह के कॉल्स को नेटवर्क लेवल पर ही रोका जा सके। टेलीमार्केटर्स को वेरिफाई करने के लिए DLT यानी डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी सिस्टम लागू करने के लिए कहा। यह टेक्नोलॉजी यूजर्स के नंबर पर होने वाले कम्युनिकेशन को मॉनिटर करती है।

DND

TRAI ने 2007 में सबसे पहले DND यानी डू नॉट डिस्टर्ब नियम लागू किए थे, जिसके तहत यूजर अपनी प्रिफरेंस के हिसाब से मार्केटिंग वाले मैसेज और कॉल्स को रोक सकते थे। 2018 में नियामक ने टेलीमार्केटर्स को DND के नियमों के उल्लंघन की वजह से कई बार वार्निंग भी जारी की थी। पिछले साल 2024 में DND सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स को ब्लॉकचेन बेस्ड सिस्टम को लागू करने का निर्देश जारी किया है।

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फर्जी कॉल

यह ब्लॉकचेन बेस्ड टेक्नोलॉजी न सिर्फ लोकल बल्कि इंटरनेशन नंबरों के जरिए आने वाले फ्रॉड कॉल्स को रोकने में सक्षम है। साथ ही, इसके जरिए VoIP यानी इंटरनेट के जरिए किए जाने वाले कॉल्स की भी पहचान की जा सकती है। इसके लिए ट्राई ने रियल टाइम मॉनिटरिंग को और बेहतर करने का निर्देश दिया है।

संचार साथी पोर्टल और ऐप

इसके अलावा सरकार ने Sanchar Saathi पोर्टल और ऐप लॉन्च करके यूजर्स के हाथ में नया हथियार दे दिया है। इस टूल के जरिए यूजर्स अपने मोबाइल पर आने वाले किसी भी कम्युनिकेशन को आसानी से रिपोर्ट कर सकते हैं। इस तरह के फर्जी और फ्रॉड वाले नंबर की जांच की जाती है और फिर उनपर एक्शन लिया जाता है।

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संचार साथी

पिछले दिनों केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी पोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि इस पोर्टल पर यूजर द्वारा रिपोर्ट करने के बाद 5 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन को बंद किए गए हैं। 25 लाख यूजर्स के खोए हुए फोन में से 15 लाख मोबाइल फोन को इस पोर्टल के जरिए रिकवर किया जा सका है।

वहीं, DoT के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, संचार साथी की मदद से 3.13 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए हैं। 2.75 करोड़ मोबाइल कनेक्शन डिसकनेक्ट किए गए हैं। यही नहीं, इस पोर्टल के जरिए 71 हजार से ज्यादा सिम कार्ड बेचने वालों को ब्लैकलिस्ट करने का काम किया गया है। साथ ही 186 बल्क SMS भेजने वालों और 1.3 लाख SMS टेम्पलेट्स ब्लॉक किए गए हैं। साथ ही, 12 लाख वाट्सऐप अकाउंट्स और 11 लाख बैंक अकाउंट फ्रिज किए गए हैं। सरकार और दूरसंचार नियामक द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों की वजह से यूजर्स के नंबर पर आने वाले फर्जी कॉल्स में भारी कमी देखी गई है।

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