Last Updated:February 12, 2025, 14:54 IST
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के आयोजन में आय दिन कोई न कोई घटना सुर्खियां बटोर रही हैं. हाल ही में अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम महाराज ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
हाइलाइट्स
- स्वामी महेशाश्रम महाराज ने पद से इस्तीफा दिया.
- परिषद के उच्च पदाधिकारियों से असंतुष्ट थे.
- महाकुंभ 2025 के दौरान इस्तीफा चर्चा में.
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के दृष्टिकोण में एक नई हलचल देखी गई, जब अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम महाराज ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वामी महेशाश्रम महाराज का यह कदम परिषद के उच्च पदाधिकारियों के कामकाज से असंतुष्ट होने के कारण आया. उनका आरोप है कि परिषद अपने मूल उद्देश्यों से भटक चुकी है और कुछ उच्च पदाधिकारी परिषद की नियमावली का उल्लंघन कर रहे हैं. इस इस्तीफे ने समाज में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह घटना महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के दौरान हो रही है.
स्वामी महेशाश्रम महाराज ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब वह किसी दल या परिषद से जुड़ने की बजाय स्वतंत्र रूप से दांडी समाज के साथ खड़े रहेंगे. उनका कहना था कि जो लोग समाज की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं, उन्हें सही मार्ग पर चलने की आवश्यकता है और किसी भी संगठन में रहकर सच्चे उद्देश्य से भटकना सही नहीं है.
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इस घटना से दंडी संन्यासी परिषद के भीतर मतभेद और तनाव बढ़ने की संभावना है. स्वामी महेशाश्रम महाराज का यह कदम परिषद की आंतरिक स्थिति पर सवाल उठाता है. उनका इस्तीफा इस बात का संकेत है कि जब संस्था अपने उद्देश्य से भटकती है तो उसे सुधारने के बजाय उसे छोड़ देना ही बेहतर समझा जाता है.
स्वामी महेशाश्रम महाराज का यह फैसला यह भी दर्शाता है कि समाज और संगठन से जुड़े लोग कभी भी सही मार्ग पर चलने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए खुद को समर्पित करते हैं, और जब वे देखेंगे कि उद्देश्य में कोई गड़बड़ी आ रही है, तो वे अपना रास्ता बदलने में संकोच नहीं करते.
First Published :
February 12, 2025, 14:54 IST