Last Updated:January 22, 2025, 10:09 IST
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री के बीच ‘साठगांठ’ देश और इसके बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक बड़ी समस्या है. इन दोनों क्षेत्रों में बहुत कम कंपनियां हैं और ये साठगांठ के साथ...और पढ़ें
मुंबई. देश और दुनिया में हर सेक्टर में बड़े लोगों का एक समूह होता है जिसे आमतौर पर कार्टल या सिंडिकेट के नाम से जाना जाता है. इन लोगों के हाथों में पूरी इंडस्ट्री की कमान होती है. सिंडिकेट के लोगों से पब्लिक से लेकर सरकार तक परेशान रहती है. खुद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री के बीच ‘साठगांठ’ देश और इसके बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक बड़ी समस्या है. बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महत्वपूर्ण इन दोनों क्षेत्रों में बहुत कम कंपनियां हैं और ये साठगांठ के साथ काम करती हैं. उन्होंने यहां आईसीईआरपी 2025 को संबोधित करते हुए कहा, ”इस्पात और सीमेंट उद्योग कुछ लोगों के हाथों में हैं, वे हमेशा दरें तय करते हैं. उनके बीच साठगांठ देश के लिए एक बड़ी समस्या है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फाइबर-प्रबलित प्लास्टिक (FRP) इस्पात और सीमेंट कंपनियों की पकड़ को तोड़ने के लिए एक अच्छा विकल्प बन सकती हैं. उन्होंने इसके लिए हर संभव मदद की पेशकश की.
कीमत कम करने की अपील
उन्होंने कहा, ”वैकल्पिक सामग्री बनाने के लिए आपका समर्थन करने में मेरा काफी हित है.” गडकरी ने एफआरपी कंपनियों से अपनी कीमतें कम करने का आग्रह किया ताकि अंतिम लागत अन्य स्थापित विकल्पों की तुलना में 20-25 प्रतिशत कम हो. मंत्री ने कहा कि एफआरपी का उपयोग बुनियादी ढांचे, विमानन, शिपिंग, सड़क निर्माण और मेट्रो रेल जैसे कई क्षेत्रों में किया जा सकता है.
उन्होंने एफआरपी उद्योग के प्रतिभागियों से कहा कि यदि आप इस्पात की तुलना में दर को 20-25 प्रतिशत कम कर सकते हैं, तो यह देश के लिए वास्तव में अच्छी बात हो सकती है. इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्टील और सीमेंट सेक्टर में सक्रिय कार्टल के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 22, 2025, 10:09 IST