Last Updated:February 06, 2025, 15:15 IST
UGC New Rules, University News: यूजीसी ने कुलपतियों की नियुक्ति के नियमों में बदलाव किए हैं, जिसे कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल ने खारिज कर दिया है. नए नियमों में 10 साल का टीचिंग अ...और पढ़ें
UGC New Rules, University News: यूजीसी ने कुलपतियों की नियुक्ति के नियम में कुछ बदलाव किए हैं, जिसके बाद से देश भर में यूजीसी के इस प्रस्ताव को लेकर तरह तरह की बातें की जा रही हैं. इसी बीच एक देश के छह राज्यों ने एक प्रस्ताव पारित करके यूजीसी के इस नए मसौदे के नियमों का मानने से इनकार कर दिया है. ये सभी ऐसे राज्य हैं जो गैर बीजेपी शासित हैं, इसमें कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्य शामिल हैं. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आखिर यूजीसी का वह प्रस्ताव या ड्रॉफ्ट क्या है, जिसको इन 6 राज्यों ने खारिज कर दिया है.
UGC New Draft: तो आपको बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश भर के विश्वविद्यालयों में कुलपति (Vice Chancellor) नियुक्ति को लेकर पुराने नियमों में कुछ फेरबदल किया है. यूजीसी के नए नियम में कहा गया है कि अब कुलपति बनने के लिए इस साल के टीचिंग एक्सपीरिएंस की जरूरत नहीं होगी या यूं कहें कि अब इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. यूजीसी के इस प्रस्ताव का समर्थन करने वालों की मानें, तो इस बदलाव के लागू होने से देश भर की यूनिवर्सिटी में लीडरशिप की क्षमता वाले कुलपति मिल सकेंगे.
UGC New Rules: नए ड्रॉफ्ट में किए गए कई बदलाव
यूजीसी के नए नियमों के अनुसार अब कुलपति के पद के लिए दस साल का टीचिंग एक्सपीरिएंस अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि अब टीचिंग कार्य अलावा रिसर्च, बिजनेस व लोक प्रशासक आदि सेक्टर में भी दस साल का अनुभव रखने वाले इसके लिए एलिजिबल होंगे. इसके अलावा कुलपति के उम्र को लेकर भी बदलाव किया गया है. अब कुलपति के पद पर केवल सत्तर साल की उम्र तक ही निुयक्ति की जाएगी. इसके अलावा किसी भी कुलपति का एक संस्थान में अधिकतम दो कार्यकाल ही होगा, जो पांच पांच वर्ष का होगा. ड्रॉफ्ट में यह भी कहा गया कि किसी भी संस्थान में यदि कुलपति की तैनाती नहीं होगी, तो उसे शून्य घोषित माना जाएगा.
Assistant Professor Eligibility: बिना नेट पीएचडी वाले भी बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर
यूजीसी के ड्रॉफ्ट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटीज और हायर एजुकेशन वाले संस्थानों में बिना नेट व पीएचडी वाले उम्मीदवार भी असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे. इसमें एमई, एमटेक जैसे डिग्री वाले अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन कर सकेंगे. यूजीसी ने इस ड्रॉफ्ट पर सुझाव भी मांगे थे. इसी बीच गैर बीजेपी शासित राज्यों ने यूजीसी के इस नए प्रस्ताव को खारित कर दिया है.
First Published :
February 06, 2025, 15:15 IST