Agency:News18Hindi
Last Updated:February 03, 2025, 18:59 IST
उदारीकरण के तीन दशक बाद भारत में कई दलित एंटरप्रेन्योर हैं जो कंपनियों के मालिक हैं. फिक्की, एसोचैम और सीआइआइ की तर्ज पर दलितों ने भी अपना संगठन डिक्की (DICCI) बना लिया है. यह संगठन दलितों में एंटरप्रेन्योरशिप ...और पढ़ें
बजट पर चर्चा के दौरान सोमवार (3 फरवरी) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने कहा कि देश में एक से एक बड़ी कंपनियां हैं, लेकिन उनमें से किसी का भी मालिक दलित-ओबीसी नहीं है.
बता दें कि साल 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण की शुरुआत हुई थी. 1992 में महाराष्ट्र के एक दलित उद्यमी अशोक खाड़े ने अपनी कंपनी लॉन्च की. अब उदारीकरण के तीन दशक बाद भारत में कई दलित उद्यमी हैं जो कंपनियों के मालिक हैं. फिक्की, एसोचैम और सीआइआइ की तर्ज पर दलितों ने भी अपना संगठन दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) बना लिया है. यह संगठन दलितों में उद्यमिता की भावना जगा रहा है. आइए मिलते हैं देश के 5 दलित एंटरप्रेन्योर से.
अशोक खाड़े: मोची का बेटा, कभी भूखे पेट गुजारी रातें, 90 रुपये थी सैलरी
DAS ऑफशोर इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अशोक खाड़े के संघर्ष की कहानी लाखों युवा उद्यमियों को प्रेरणा देने वाली है. गरीबी के बीच भी अपनी मेहनत से कमाकर वे पढ़े और जिंदगी में बड़ा मुकाम हासिल किया. खाड़े के पिता एक मोची थे और मुंबई में एक पेड़ के नीचे काम करते थे. कभी भूखे पेट सोने वाला और मजदूरी करके महीने के 90 रुपये महीने कमाने वाले अशोक खाड़े की कंपनी का सालाना टर्नओवर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा है. बचपन में घर में गरीबी देखने वाले अशोक खाड़े आज मुंबई के जाने-माने उद्योगपतियों में से एक हैं. (फोटो- Facebook DICCI)
कल्पना सरोज – 12 साल में शादी, झुग्गी में रहीं, आज हैं करोड़ों की मालकिन
दलित परिवार में जन्मीं कल्पना सरोज की शादी महज 12 साल की उम्र में हो गई थी. फिलहाल मुंबई स्थित कंपनी कामानी ट्यूब्स की अध्यक्ष हैं. उन्होंने अपने कई साल मुंबई की झुग्गियों में अपने पति के परिवार के साथ बिताए. उन्हें अक्सर ‘ओरिजनल स्लमडॉग मिलियनेयर’ कहा जाता है.
राजेश सरैया: देश के पहले दलित अरबपति
भारत के पहले दलित अरबपति के रूप में पहचाने जाने वाले राजेश सरैया स्टील मोंट ट्रेडिंग लिमिटेड के सीईओ हैं. कंपनी का मुख्यालय जर्मनी के डसलडॉर्फ में है. उनकी कंपनी स्टील ट्रेडिंग, प्रोडक्शन, कमोडिटी और शिपिंग में विशेषज्ञता रखती है और इसके ऑफिस कई देशों में हैं. (फोटो- dicci.in/advisory)
मिलिंद कांबले: DICCI के फाउंडर और चेयरमैन
एक प्रभावशाली एंटरप्रेन्योर मिलिंद कांबले दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) के फाउंडर चेयरमैन हैं. उनके प्रयासों ने पूरे भारत में दलित एंटरप्रेन्योरशिप और व्यवसायों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. (फोटो- x@drmilindkamble)
राजा नायक: घर से भागने से लेकर 60 करोड़ रुपये के बिजनेस की कमान
राजा नायक का जन्म कर्नाटक के दलित परिवार में हुआ था.17 साल की उम्र में वह अमिताभ बच्चन की एक फिल्म से प्रेरणा लेते हुए रियल एस्टेट के दिग्गज बनने के लिए मुंबई भाग गए थे. टी-शर्ट और फुटवियर बेचने से शुरुआत करने वाले राजा नायक ने अपने वेंचर्स को इंटरनेशनल शिपिंग, लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग और वेलनेस प्रोडक्ट में विस्तारित किया. आज उनके एंटरप्राइजेज का कंबाइंड टर्नओवर लगभग 60 करोड़ रुपये है. (फोटो- linkedin@raja-nayak)
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 03, 2025, 18:59 IST