Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 08, 2025, 12:18 IST
Leucoderma Home remedies: ल्यूकोडर्मा त्वचा संक्रमण के चलते फैलती है. आयुर्वेदिक तरीके से भी इसका उपचार कर सकते हैं.आयुष चिकित्सक के मताबिक तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से रक्त परिस...और पढ़ें
शरीर पर है सफेद पैच तो करें यह काम
हाइलाइट्स
- तुलसी के पत्तों का पेस्ट ल्यूकोडर्मा पर असरदार है.
- पेस्ट को दिन में दो बार लगाएं और 30 मिनट बाद धो लें.
- स्थिति गंभीर हो तो चिकित्सकीय सलाह लें.
जमुई. त्वचा संक्रमण के कारण लोगों को ल्यूकोडर्मा की बीमारी हो जाती है. इसमें त्वचा के ऊपर भाग में सफेद चकत्ते पड़ जाते हैं, जो लोगों की परेशानी का सब बन जाते हैं. इस रोग के कारण मरीजों को सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पारंपरिक चिकित्सा एवं घरेलू उपायों में से एक के रूप में तुलसी के पत्तों का उपयोग ल्यूकोडर्मा के उपचार में नई उम्मीद की किरण बनकर उभर रहा है.
आयुष चिकित्सक डॉ. रास बिहारी तिवारी बताते हैं कि तुलसी तो पत्तों के इस्तेमाल से इसके असर को कम किया जा सकता है और उसे काफी हद तक ठीक भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि तुलसी के पत्तों में आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी एवं एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव, जो त्वचा की मरम्मत एवं पुनरुत्पादन में सहायक माने जाते हैं यह भी पाया जाता है.
इस तरीके से करें इस्तेमाल तो मिलेगा लाभ
आयुष चिकित्सक ने बताया कि कि तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है एवं मेलेनोसाइट्स की सक्रियता को बढ़ावा मिल सकता है. उन्होंने बताया कि ताजे तुलसी के पत्तों को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें. इन्हें पीसकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार करें. पेस्ट को दिन में दो बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और 30 मिनट तक रहने दें. इसके पश्चात त्वचा को गुनगुने पानी से धो लें. यह प्रक्रिया नियमित रूप से दो से तीन महीनों तक करने से ल्यूकोडर्मा की प्रगति पर असर पड़ता है.
जरूरत पड़ने पर कर लें चिकित्सकीय सलाह
आयुष चिकित्सक ने बताया कि तुलसी के पत्ता ल्यूकोडर्मा के असर को कम तो कर सकता है, लेकिन यह इसको पूरी तरीके से ठीक करने में सक्षम नहीं होता है. उन्होंने बताया कि ल्यूकोडर्मा प्रभावित व्यक्ति को त्वचा पर इसका पेस्ट लगाना चाहिए, ऐसा करने से उन्हें फायदा मिल सकता है. लेकिन, अगर स्थिति गंभीर है तथा लगातार इसका इस्तेमाल के बाद आपको किसी तरीके का लाभ नजर नहीं आ रहा है. तब आपको हरहाल में चिकित्सकीय परामर्श लेनी चाहिए या जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से इलाज करा लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि तुलसी के पत्ते में कई प्रकार के गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से बैक्टीरिया, वायरस इत्यादि को भी समाप्त करते हैं. जिस कारण से भी त्वचा की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है.
First Published :
February 08, 2025, 12:18 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.