Last Updated:February 12, 2025, 10:29 IST
HAL के CMD ने तेजस मार्क 1A की डिलीवरी पर स्थिति स्पष्ट की. बताया गया कि भारत को अमेरिका से मार्च में पहला इंजन मिल जाएगा. 2026 में LCA Mk-2 तैयार होगा. साथ ही यह भी बताया गया कि साल 2031 तक में 83 तेजस मार्क ...और पढ़ें
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तेजस पर एयरफोर्स चीफ ने नाराजगी जाहिर की थी. (News18)
नई दिल्ली. वायुसेना को तेजस मिलने को हो रही देरी पर HAL के CMD ने अपनी स्थिति साफ की. साथ ही यह भी बताया कि कब तक तेजस मार्क 1A की डिलीवरी हो जाएगी. HAL के CMD ने साफ किया है कि इस साल मार्च में पहला इंजन अमेरिकी कंपनी GE की तरफ से मिल जाएगा. इस कलेंडर इयर में 12 और इंजन मिल जाएंगे. भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किए LCA Mk-1 A के तीन लड़ाकू विमानों ने एयरो इंडिया 2025 में उड़ान भरी. बताया गया कि तीन एयरक्राफ्ट तैयार हैं जबकि 2 भी जल्दी तैयार हो जाएंगे. साल 2031 तक 83 तेजस मार्क 1A मिल जाने का दावा किया गया है. भारतीय वायुसेना प्रमुख के एक वायरल वीडियो में HAL पर नाराजी जताई गई थी. वीडियो में वह कहते सुनाई दिए कि ‘मैं आपको केवल यह बता सकता हूं कि हमारी आवश्यकताएं और चिंताएं क्या हैं. आपको उन चिंताओं को दूर करना होगा और हमें ज़्यादा आत्मविश्वास देना होगा. फिलहाल, मैं HAL पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं कर पा रहा हूं, जो कि एक बहुत ही गलत स्थिति है’.
LCA Mk-2 का काम तेजी पर
HAL ने साफ किया है कि तेजस मार्क 1 के एडवांस वर्जन LCA Mk -2 पर काम बड़ी तेजी से चल रहा है. साल 2026 में पहला मार्क 2 उड़ान के लिए तैयार होगा. मार्क 2 के लिए भारत ने अमेरिका की GE कंपनी से से करार किया है . HAL के निदेशक का कहना है कि GE-414 इंजन को लेकर बड़ी तेजी से कदम बढ़ाया जा रहा है. फिलहाल दो चरण में काम जारी है. पहला ट्रांसफ़र ऑफ टैक्नॉलेजी (TOT) पर अभी बच चल रही है. पहले यह 58 फीसदी का था, जिसे बढ़ाकर 80 फीसदी करने पर चर्चा जारी है. इस चरण के खत्म होने के बाद फिर उसकी कीमत पर चर्चा होगी.
वायुसेना का तेजस प्लान
मौजूदा सुरक्षा के लिहाज से भारतीय वायुसेना 42 फाइटर स्क्वार्डन के बजाए सिर्फ 31 से ही काम चला रहा है. इस 31 से 42 करने में 15 साल का लंबा वक़्त लगेगा. मौजूदा दोतरफ़ा चुनौती के कारण भारतीय वायुसेना को न सिर्फ फाइटर जेट की जरूरत है. दूसरे देशो पर निर्भरता को भी कम किया जाएगा. पहले 40 तेजस भारतीय वायुसेना के लिए लेने का करार हो चुका है. जिसके दो स्क्वाडरन अब तक स्थापित किए जा चुके है. स्वदेशी निर्मित 83 तेजस के लिए कारार पूरा हो गया. ये सभी 83 विमानों की डिलीवरी अब जल्द शुरू हो जाएगी. यह पूरा प्रोजेक्ट 48 हजार करोड़ रुपये का है वायुसेना HAL से 83 एलसीए तेजस मार्क-1A ले रही है. जिसका पहला विमान इसी साल भारतीय वायुसेना को मिल जाएगा. उसके बाद अगले छह साल में सभी 83 तेजस फाइटर जेट एयरफोर्स को दे दिए जाएंगे. इन 83 में से 73 एलसीए तेजस मार्क 1A फाइटर एयरक्राफ्ट होंगे और 10 एलसीए तेजस मार्क 1 ट्रेनर एयरक्राफ्ट होंगे. लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट मार्क 1A को भारत में ही एचएएल ने डिजाइन और डिवेलप किया गया है और भारत में ही बनाया गया है यह आधुनिक 4+ जेनेरेशन का फाइटर एयरक्राफ्ट है. साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1 A का ऑर्डर दिया था जिससे कुल 4 स्क्वाड्रन बनेंगे तो 5 अतिरिक्त स्क्वाड्रन के लिए 97 तेजस मार्क 1A की खरीद की मंज़ूरी भी दे दी गई है. तेजस के कुल 11 स्क्वाड्रन में 2 आ चुके है बाकी 9 आने आने है. इसके अलावा तेजस मार्क 1A का एडवांस वर्जन यानी की तेजस मार्क -2 पर काम ज़ोरों पर जारी है यह मार्क-1 ए से ज्यादा मॉडिफाईड होगा.
वायुसेना के फाइटर बेड़े की हालत
अगर हम 2035 तक की बात करे तो फ़िलहाल मौजूद लडाकू विमानों की मिग 21 , मिग 27 , मिग 29 पूरी तरह से फ़ेज़ आउट हो जाएँगे तो वही जैगुआर का पहला स्क्वाड्रन फ़ेज़ आउट होना शुरू हो जाएगा उसके बाद नंबर आएगा मिराज 2000 के फेज आउट होने का. मौजूदा फाइटर फ्लीट की बात करें तो मिग 21 बिज़ , मिग 21 टाइप 96 का स्क्वाड्रन और मिग 27 के स्क्वाड्रन पूरी तरह से फेज आउट हो चुके है मिग 21 बाइसन के 4 स्क्वाड्रन में 3 फेज आउट हो चुके है और बचा इकलौता स्क्वाड्रन भी जल्द रिटायर हो जाएगा. मिग 21 की जगह तेजस लेना शुरू कर चुके है. भारतीय वायु सेना के मौजूदा फाइटर फ्लीट के मिग 29 अपग्रेड के 3 स्केवडर्न ,मिराज 2000 के 3 स्क्वाडर्न और जेगुआर के 6 स्क्वाडर्न के अपग्रेड हो चुका है अब अगर हम बात करे इस कमी को पूरा करने की कोशिशों की तो देश में निर्मित लाइट कॉमबेट एयरक्राफ़्ट तेजस या कहे LCA… तो फ़्रंट लाइन फाइटर सुखोई 30 इस वक्त सबसे ज्यादा भारतीय वायुसेना के पास है इनकी संख्या 250 से उपर है.
First Published :
February 12, 2025, 10:29 IST