Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:February 03, 2025, 18:11 IST
Khali Chhuvane Ki Rasm: माता सरस्वती विद्या और ज्ञान की देवी है. सरस्वती पूजा के दिन यह परंपरा रही है कि बच्चों की पढ़ाई इसी दिन से शुरू करवाई जाती है. ताकि बच्चे को मां सरस्वती का आशीर्वाद मिले. इसे लेकर यह पर...और पढ़ें
खली छुआन
हाइलाइट्स
- बच्चों की पढ़ाई सरस्वती पूजा से शुरू होती है.
- खली छुआने की रस्म शिक्षा की पवित्र शुरुआत है.
- माता-पिता इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
Saraswati Puja Tradition: भारत में परंपरा और संस्कृति का गहरा प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र में भी देखने को मिलता है. इसी कड़ी में सरस्वती पूजा के दिन बच्चों की पढ़ाई शुरू कराने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. माता सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी माना जाता है और इस दिन खली छुवाने की रस्म के साथ बच्चों की शिक्षा यात्रा का शुभारंभ किया जाता है.
खली छुवाने की परंपरा क्या है?
सरस्वती पूजा के दिन बच्चों को पहली बार काले स्लेट (पट्टी) पर लिखना सिखाया जाता है. पंडित मंत्रोच्चारण करते हैं और बच्चे का हाथ पकड़कर “श्री गणेश” लिखवाते हैं. इसे खली छुआने की रस्म कहा जाता है, जो शिक्षा की पवित्र शुरुआत मानी जाती है. यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और माता-पिता इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
क्यों खास है यह परंपरा?
वसंत पंचमी के दिन बच्चे की पढ़ाई शुरू करवाने के पीछे एक गहरी मान्यता है.
मां सरस्वती का आशीर्वाद: यह माना जाता है कि इस दिन पढ़ाई शुरू करने से बच्चों को ज्ञान, बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है.
शिक्षा की ओर झुकाव: माता-पिता का मानना है कि इस दिन पढ़ाई शुरू करने से बच्चा शिक्षा के प्रति आकर्षित और समर्पित होता है.
स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत: सरस्वती पूजा के बाद ही आमतौर पर नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती है, जिससे यह परंपरा और भी विशेष बन जाती है.
प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा
आचार्य जितेंद्र कुमार पांडेय बताते हैं कि हर शुभ कार्य की शुरुआत देवी-देवताओं की आराधना के साथ होती है. शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है और रामायण काल से ही यह परंपरा चली आ रही है.
सरस्वती पूजा के दिन ज्ञान की देवी की पूजा करके पढ़ाई की शुरुआत करना बच्चे के उज्जवल भविष्य का प्रतीक माना जाता है.
माता-पिता की आस्था
बच्चों के परिजनों का मानना है कि इस दिन खली छुआने से बच्चा भविष्य में शिक्षा की ओर आकर्षित होता है और सफल बनता है. यह संस्कार और परंपरा का हिस्सा है, जो बच्चों को शिक्षा और संस्कृति से जोड़ता है. भारत अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है और यह परंपरा भी इन्हीं में से एक है.
Location :
Hazaribagh,Jharkhand
First Published :
February 03, 2025, 18:11 IST