सस्ती होंगी कैंसर की दवाएं, हिमाचल की जनता बोली मरीजों को मिलेगी सुविधा

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Agency:Local18

Last Updated:February 06, 2025, 10:13 IST

Custom Duty escaped Medicine: इस बजट में कैंसर की विभिन्न दवाइयों सहित कुल 36 दवाइयां को बेसिक कस्टम ड्यूटी फ्री की श्रेणी में शामिल किया गया है. बजट में इस प्रस्ताव को लेकर हिमाचल प्रदेश की जनता और विशेष तौर पर क...और पढ़ें

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कैंसर की दवाइयों को बेसिक कस्टम ड्यूटी फ्री करने पर क्या बोली हिमाचल की जनता

शिमलाः 1 फरवरी 2025 को मोदी सरकार का 11वां बजट पेश हुआ. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया. बजट में कई प्रकार के महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए है. वही, इस बजट में कैंसर की विभिन्न दवाइयों सहित कुल 36 दवाइयां को बेसिक कस्टम ड्यूटी फ्री की श्रेणी में शामिल किया गया है. बजट में इस प्रस्ताव को लेकर हिमाचल प्रदेश की जनता और विशेष तौर पर कैंसर से ग्रसित लोग या उनके परिजनों ने इसका स्वागत किया है. लोगों का मानना है कि यदि यह लागू हो जाता है, तो कैंसर के मरीजों को सुविधा मिल पाएगी. साथ ही डे केयर सेंटर के माध्यम से भी उन्हें घर द्वार पर इलाज की सुविधा मिलने से बहुत लाभ होगा.

जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी से शिमला पहुंचे सुरेंद्र कुमार ने बताया कि कैंसर की दवाइयों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी फ्री करना बहुत अच्छा निर्णय है. हमें उम्मीद है कि इससे दवाइयां के दाम थोड़े कम हो पाएंगे. हालांकि, कैंसर मरीजों की दवाइयों को पूरी तरह से मुफ्त कर देना चाहिए. लोग कई हजार रुपए को खर्च कर बाहरी राज्यों में अपना इलाज करवाने के लिए जाते हैं. बाहरी राज्यों में होने वाले पेट स्कैन की सुविधा भी हिमाचल में भी दी जानी चाहिए. इससे लोगों को बहुत लाभ मिलेगा. कैंसर के टेस्ट चाहे वह निजी अस्पतालों में हो या सरकारी अस्पतालों में सभी टेस्ट फ्री होने चाहिए.

सस्ते दामों पर मिलनी चाहिए दवाइयां:
सोलन से आई उमा चौहान ने बताया कि हमें कैंसर की दवाइयां के कस्टम ड्यूटी फ्री होने पर बहुत लाभ मिलेगा. साथ ही कैंसर के मरीजों का इलाज घर के नजदीक होने से भी उन्हें सुविधा मिलेगी. मौजूद समय में इलाज के लिए सोलन से शिमला आना पड़ता है. इससे मरीज को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही बसों में किराए को भी मुफ्त किया जाना चाहिए. क्योंकि, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा गरीब व्यक्ति रोजाना किराया वहन नहीं कर सकता. साथ ही दवाइयों को भी सस्ते दामों पर दिया जाना चाहिए.

21 दिनों बाद आना पड़ता था शिमलाः
रामपुर बुशहर से शिमला पहुंची चांद ने बताया कि ऑपरेशन के बाद उनकी माता का चेकअप होना है, इसके लिए वह शिमला पहुंची है. उनकी माता को कीमोथेरेपी दी गई थी और वह इलाज पूरी तरह से मुक्त हुआ है. जब उनकी माता को कीमोथेरेपी दी गई, तो हर 21 दिनों में उन्हें शिमला आना पड़ता था. यदि कैंसर केयर यूनिट घर द्वार के नजदीक मिल जाए, तो इससे बहुत सुविधा मिल सकती है. इतने लंबे सफर में मरीज को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. जिला सोलन के अर्की से कीमोथेरेपी के लिए शिमला पहुंचे मरीज ने बताया कि यदि घर द्वार पर सेंटर खुल जाए, तो उन्हें बहुत सुविधा मिलेगी. कीमोथेरेपी के लिए अगले डेढ़ महीनों तक उन्हें हर 10 से 15 दिन के बाद शिमला आना पड़ेगा. इससे मरीज को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

Location :

Shimla,Himachal Pradesh

First Published :

February 06, 2025, 10:13 IST

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