Last Updated:January 20, 2025, 07:52 IST
Unique Wedding: खंडवा में अनोखी शादी देखने को मिली. पिता ने बेटी की बारात निकाली. दुल्हन घोड़ी पर चढ़ी. लड़की वाले बाराती बनकर डांस करते नजर आए. हालांकि, बाद में लड़की के लिए दूल्हा बारात लेकर आया, लेकिन इसके पहले...
खंडवा में अपनी शादी के पहले घोड़ी चढ़ी दुल्हन.
खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा में अजब-गजब मामला देखने को मिला. यूं तो शादियों में आपने घोड़ी पर दूल्हे को चढ़ा देखा होगा, लेकिन खंडवा में दुल्हन घोड़ी चढ़ी. ये सब एक पिता के अरमान पूरे करने की वजह से हुआ. पिता ने अपनी बेटी की बारात निकाली. बेटी दुल्हन की तरह सजकर घोड़ी पर चढ़ी और लड़की वाले घर से कार्यक्रम स्थल तक डीजे के साथ नाचते-गाते पहुंचे.
खंडवा से 8 किलोमीटर दूर सुरगांव जोशी गांव के किसान नानाजी चौधरी की बेटी की शादी की चर्चा अब पूरे शहर में है. दरअसल, किसान ने अपनी बेटी को बेटा समझ कर बड़ा किया है. अब बेटी की शादी में बेटे की बारात वाला अरमान पूरा करने के लिए उन्होंने ऐसा किया. घोड़ी पर लड़की को बैठाया और कार्यकम स्थल तक लड़की वाले नाचते-गाते पहुंचे. इस नजारे को देखने के लिए कई गांव वाले पहुंचे थे.
बेटी को शान से किया विदा
अकसर समाज में देखा जाता है कि बेटी की शादी में भेदभाव होता है, जबकि बेटे की शादी में खूब पैसा उड़ाया जाता है. लेकिन, बदलते समय के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों की सोच बदलती जा रही है. दुल्हन बनी भाग्यश्री चौधरी के पिता नानाजी चौधरी का सपना था कि वह अपनी बेटी को शान से विदा करें. इसलिए उन्होंने आगे बढ़कर खर्च किया और धूमधाम से शादी की. भाग्यश्री चौधरी की शादी खंडवा के अजय जिराती के साथ हुई है, जो निजी बैंक में कार्यरत हैं
दुल्हन भी यही इच्छा थी…
दुल्हन के भाई रविंद चौधरी ने बताया, हमारे समाज मे दुल्हन को घोड़ी नहीं चढ़ाया जाता, सिर्फ दूल्हे ही घोड़ी चढ़ाने का रिवाज है. लेकिन, हम लोगों ने एक बेटे की तरह बेटी को पाला है. वह हमारे परिवार की लाडली है. उसकी भी इच्छा थी कि एक लड़के की तरह वह भी घोड़ी पर बैठकर जाए. उसकी इच्छा पूरी करने के लिए हमने रिवाज भी तोड़ा. आगे कहा, जिस तरह से हमने बेटी को घोड़ी पर बैठाकर विदा किया, उसमें ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिला. रविंद्र पेशे ने एक निजी बैंक में क्रेडिट मैनेजर हैं.
एक घंटे तक घोड़ी पर बैठी
वहीं, दुल्हन भाग्यश्री ने बताया कि मेरे पापा का सपना था कि मैं घोड़ी पर बैठकर जाऊं और मेरा भी यही सपना था. मैं घोड़ी पर बैठकर अपनी शादी के लिए गई. इसमें मेरे परिवार, मेरे माता-पिता ने पूरा सहयोग किया. मैं करीब एक घंटे घोड़ी पर बैठी और मुझे बहुत अच्छा लगा.
Location :
Khandwa,Madhya Pradesh
First Published :
January 20, 2025, 07:52 IST
इस शादी ने चौंकाया! पिता ने तोड़ा रिवाज, दुल्हन घोड़ी चढ़ी, फिर निकली बारात