किस झूठ की ब्रह्माजी को मिली थी सजा? इसी वजह से नहीं होती उनकी पूजा, जानें कथा

2 hours ago 1

Last Updated:February 06, 2025, 13:59 IST

Curse To Brahma: ब्रह्माजी की पूजा क्यों नहीं होती, ये सवाल आपके जहन में कई बार आता होगा. लेकिन ऐसा क्यों है. श्रृष्टि की रचना करने वाले ब्रह्माजी को आखिर किस बात की सजा मिली जिसके चलते उनकी कहीं भी पूजा नहीं ह...और पढ़ें

किस झूठ की ब्रह्माजी को मिली थी सजा? इसी वजह से नहीं होती उनकी पूजा, जानें कथा

ब्रह्माजी को किसने दिया था श्राप?

हाइलाइट्स

  • ब्रह्माजी ने झूठ बोलने पर शिवजी से श्राप पाया.
  • ब्रह्माजी की पूजा नहीं होती, शिवजी के श्राप के कारण.
  • केतकी का फूल भी शिव पूजा में नहीं चढ़ाया जाता.

Curse To Brahma: श्रृष्टि की रचना परमपिता ब्रह्माजी ने की है, इस बात की जानकारी हर किसी को है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार ब्रह्माजी ने एक बड़ी भूल कर दी थी. शिव पुराण में एक रोचक कथा वर्णित है जो ब्रह्माजी के झूठ बोलने और भगवान शिव के उन्हें शाप देने के बारे में है. यह कथा हमें सिखाती है कि झूठ बोलने के परिणाम कितने गंभीर हो सकते हैं खासकर जब बात देवों और स्वयं भगवान की हो.

ब्रह्मा-विष्णु में विवाद
कथा के अनुसार एक समय ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठ कौन है इस बात को लेकर विवाद छिड़ गया. दोनों ही अपने आप को सबसे बड़ा और शक्तिशाली बता रहे थे. इस विवाद को सुलझाने के लिए भगवान शिव एक अद्भुत ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए. उन्होंने कहा कि जो भी इस ज्योतिर्लिंग का आदि या अंत ढूंढ लेगा वही सबसे श्रेष्ठ माना जाएगा.विष्णुजी ने वराह का रूप धारण करके पृथ्वी में जाकर ज्योतिर्लिंग का अंत ढूंढने का प्रयास किया जबकि ब्रह्माजी ने हंस का रूप धारण करके आकाश में जाकर ज्योतिर्लिंग का आदि ढूंढने की कोशिश की.

ये भी पढ़ें: Budh Gochar 2025: शनि के घर में होगा बुध का प्रवेश, इन 6 राशिवालों की धन से भरेगी तिजोरी, किस्मत का भी मिलेगा साथ!

ब्रह्माजी का झूठ
कई वर्षों तक प्रयास करने के बाद भी दोनों में से किसी को भी ज्योतिर्लिंग का अंत या आदि नहीं मिला. विष्णुजी ने अपनी हार स्वीकार कर ली और भगवान शिव से क्षमा मांगी. लेकिन ब्रह्माजी ने झूठ बोलने का सहारा लिया. उन्होंने केतकी के फूल को साक्षी बनाकर कहा कि उन्होंने ज्योतिर्लिंग का अंत ढूंढ लिया है.

ब्रह्माजी को श्राप
भगवान शिव तो अंतर्यामी थे वे ब्रह्माजी का झूठ जान गए. उन्होंने केतकी के फूल से भी सत्य बताने को कहा लेकिन केतकी ने भी ब्रह्माजी का साथ दिया और झूठ बोला. इस पर भगवान शिव क्रोधित हो गए. उन्होंने ब्रह्माजी को श्राप दिया कि उनकी पूजा कभी नहीं की जाएगी और उन्हें किसी भी यज्ञ में भाग लेने का अधिकार नहीं होगा. केतकी के फूल को भी श्राप दिया गया कि उन्हें कभी भी भगवान शिव की पूजा में नहीं चढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: 25 या 26 फरवरी, कब है महाशिवरात्रि? महादेव को प्रसन्न करने के लिए करें ये छोटा सा उपाय, जानें पूजा की सही विधि

इस श्राप के कारण ही आज भी ब्रह्माजी के बहुत कम मंदिर हैं और उनकी पूजा विशेष रूप से नहीं की जाती. केतकी का फूल भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता.

यह कथा हमें सिखाती है कि झूठ बोलना पाप है खासकर भगवान के सामने. झूठ बोलने से न केवल व्यक्ति का अपना नुकसान होता है बल्कि दूसरों को भी हानि पहुंच सकती है. इसलिए हमें हमेशा सत्य बोलना चाहिए और झूठ से दूर रहना चाहिए.

First Published :

February 06, 2025, 13:59 IST

homedharm

किस झूठ की ब्रह्माजी को मिली थी सजा? इसी वजह से नहीं होती उनकी पूजा, जानें कथा

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article