ठंड में हरी पत्तेदार सब्जियां खूब आने लगती है। सरसों का साग और मक्के की रोटी ठंड की स्पेशल डिश है। सरसों का साग आपको विंटर सीजन में जरूर बनाकर खाना चाहिए। सरसों का बेहतरीन साग बनाना ज्यादातर लोगों को नहीं आता। कई बार सरसों के साग का स्वाद थोड़ा कड़वा सा हो जाता है। कुछ लोगों का साग अच्छी तरह से घुलता नहीं है। इसका बड़ा कारण है साग बनाने का तरीका। गांव में जिस तरह से साग बनाया जाता है आज हम आपको साग बनाने का वही तरीका बता रहे हैं। जानिए साग बनाते वक्त क्या डालना जरूरी है जिससे सरसों के साग का कड़वापन दूर होता है।
सरसों का साग बनाने का तरीका
पहला स्टेप- सरसों का साग बनाने के लिए सरसों के पत्तों को अच्छी तरह से धो लें। सिर्फ सरसों के साग में वो स्वाद नहीं आता जैसा इसमें कोई दूसरी चीज मिलाकर आता है। आप सरसों के साग में थोड़ा बथुआ या कोई दूसरा साग मिला लें।
दूसरा स्टेप- साग को अच्छी तरह से धो लें और बारीक काट लें। काटने के बाद भी एक बार पानी से धो लें। अब साग को किसी कड़ाही या कुकर में डालकर खुला ही पकाएं। साग में 1 कप पानी डाल दें और मीडियम फ्लेम पर पकने दें। साग को पकाते वक्त इसमें नमक और 1 चुटकी हल्दी डाल दें।
तीसरा स्टेप- जब साग गल जाए और अच्छा पक जाए तो एक कटोरी में 1-2 चम्मच गेहूं का आटा या मक्के या फिर बाजरा का कोई भी आटा लें। अब इस आटे में पानी डालकर घोल तैयार कर लें। इसमें 1 पिंच हींग डाल दें और आटे के घोल को साग में डालकर चलाते हुए पकाएं। इससे साग में चिकनापन आ जाएगा।
चौथा स्टेप- जब साग अच्छी तरह से मिक्स हो जाए और पक जाए तो गैस बंद कर दें। अब एक पैन में देसी घी डालें। उसमें जीरा, 1 पिंच हींग, 8-10 कली लहसुन की मोटी कटी हुई, 2 साबुत लाल मिर्च डालकर पकाएं। ऊपर से इसमें 1 चम्मच कश्मीरी लाल मिर्च डाल दें। तैयार हुए तड़का में साग डाल दें।
पांचवां स्टेप- अब साग को तड़का के साथ थोड़ा पकाएं और जब साग अच्छी तरह से पक जाए तो इसमें सर्व करते वक्त ऊपर से आधा चम्मच मक्खन डालकर सर्व करें। इस साग को आप बाजरा और मक्का की रोटी के साथ खाएं। आपको सरसों का साग खाकर मजा आ जाएगा।