मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है कि जहां पर कलेक्टर पर हाईकोर्ट ने ₹50000 का जुर्माना लगाया है. उन्होंने कहा कि दोष सिद्ध होने के पहले इस तरह की कार्रवाई करना गलत है.

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Last Updated:January 24, 2025, 10:25 IST

Burhanpur News: बुरहानपुर की कलेक्टर भव्या मित्तल पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जुर्माना लगाया है. याचिकाकर्ता ने यह साबित किया कि आरोप सिद्ध हुए बिना जिला बदर का आदेश देना कानून का उल्लंघन था.

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जानकारी देते याचिका कर्ता अंतराम अवासे 

बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में कलेक्टर भव्या मित्तल ने एक आदिवासी युवक पर आदिवासियों को भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद कलेक्टर ने उसे जिला बदर भी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ युवक ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद कलेक्टर भव्या मित्तल पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया है. युवक का कहना था कि आरोप सिद्ध हुए बिना ही उसे जिला बदर कर दिया गया था, इसलिए उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसकी जीत हुई है. हाई कोर्ट ने एक अच्छा निर्णय लिया है.

याचिकाकर्ता ने दी जानकारी लोकल 18 की टीम ने जब याचिकाकर्ता अंतराम आवासे से बात की तो उन्होंने बताया कि मप्र हाई कोर्ट ने बुरहानपुर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित जिला बदर के आदेश को अवैध करार दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोष सिद्ध हुए बिना किसी आरोपी के खिलाफ ऐसा कोई आदेश पारित करना कानून का उल्लंघन है. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता अंतराम आवासे के पक्ष में निर्णय देते हुए मप्र शासन को याचिकाकर्ता अंतराम आवासे को 50 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने शासन को कहा है कि यह राशि आदेश देने वाले जिला मजिस्ट्रेट से वसूली के लिए शासन स्वतंत्र है. इसके साथ ही, मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि प्रदेश के सभी जिला मजिस्ट्रेटों की बैठक बुलाकर यह सुनिश्चित करें कि राजनीतिक दबाव में अधिनियम का दुरुपयोग न हो.

जंगल बचाने के लिए दिया था धरना बुरहानपुर जिले के नेपानगर के जंगलों में वनों की कटाई और अतिक्रमण की शिकायतें आ रही थीं. जागृत आदिवासी दलित संगठन नामक संगठन वनों को बचाने और वन अतिक्रमण का विरोध कर रहा था. इस बीच संगठन के एक कार्यकर्ता अंतराम आवासे के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और इसके बाद उसे जिला बदर कर दिया. जिला मजिस्ट्रेट के इस आदेश के बाद याचिकाकर्ता अंतराम आवासे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने यह निर्णय दिया है. हाई कोर्ट के फैसले का याचिकाकर्ता और जागृत आदिवासी दलित संगठन ने स्वागत किया है.

Location :

Burhanpur,Madhya Pradesh

First Published :

January 24, 2025, 10:25 IST

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मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है कि जहां पर कलेक्टर पर हाईकोर्ट ने ₹50000 का जुर्माना लगाया है. उन्होंने कहा कि दोष सिद्ध होने के पहले इस तरह की कार्रवाई करना गलत है.

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