टीटीडी ने हिंदू धर्म का पालन नहीं करने पर 18 कर्मचारियों को हटाया, जानें इसे लेकर क्या हैं ट्रस्ट के नियम

3 hours ago 1
BR Naidu Image Source : PTI तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अध्यक्ष बी आर नायडू

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर ट्रस्ट ने 18 कर्मचारियों को हटा दिया है। ये सभी कर्मचारी अब मंदिर के लिए काम नहीं कर पाएंगे। इनके पास स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेने या किसी दूसरे विभाग में ट्रांसफर कराने का विकल्प है। दुनिया के सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम का यह फैसला चर्चा में है। 2.5 लाख करोड़ी की संपत्ति वाले टीटीडी के लिए 14000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, लेकिन सिर्फ 18 लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई की गई है। आइए जानते हैं कि टीटीडी ने यह फैसला क्यों लिया।

भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के आधिकारिक संरक्षक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के 18 कर्मचारियों को ‘गैर-हिंदू’ गतिविधियों में लिप्त पाया गया था। इसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन लोगों को मंदिर निकाय की तरफ से आयोजित सभी धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने से रोक दिया गया है।

क्यों हुई कार्रवाई?

मंदिर निकाय ने कहा कि गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 18 कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। मंदिर प्रशासन के अनुसार इससे टीटीडी की प्रतिष्ठा कम हो रही है। टीटीडी की कार्यकारी अधिकारी जे.श्यामला राव ने कहा, ‘‘यह साबित हो गया है कि टीटीडी के 18 कर्मचारी गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल थे, हालांकि उन्होंने भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी की तस्वीर/मूर्ति के सामने शपथ ली है कि वे केवल हिंदू धर्म और हिंदू परंपराओं का पालन करेंगे।’’ टीटीडी के अनुसार, 18 कर्मचारी गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल थे और इसके साथ ही वे टीटीडी द्वारा आयोजित हिंदू धार्मिक मेलों और त्योहारों में भी भाग ले रहे थे, जिससे करोड़ों हिंदू भक्तों की पवित्रता और भावनाओं को ठेस पहुंच रही थी।

क्या हैं नियम?

  • 1989 में जारी सरकारी आदेश में कहा गया था कि टीटीडी के एडमिनिस्ट्रेटिव पदों पर केवल हिंदुओं को ही रखा जाएगा। 
  • संविधान के अनुच्छेद 16(5) में भी धार्मिक या सांप्रदायिक प्रकृति के संस्थानों को अपने धर्म के सदस्यों को नियुक्त करने की अनुमति दी गई है। 
  • आंध्र प्रदेश चैरिटेबल और हिंदू धार्मिक संस्थान और बंदोबस्ती अधीनस्थ सेवा नियम तीन के अनुसार हिंदू धार्मिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को हिंदू धर्म का पालन करना चाहिए।
  • आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने नवंबर 2023 में इससे जुड़ा फैसला सुनाते हुए नियम तीन को बरकरार रखा था। इन नियम के अनुसार ट्रस्ट बोर्ड को सेवा शर्तों को अनिवार्य करने का अधिकार है। सेवा शर्तों में टीटीडी कर्मचारियों के लिए हिंदू धर्म का पालन करना जरूरी है।

टीटीडी अध्यक्ष ने कही थी सिर्फ हिंदू कर्मचारी रखने की बात

नवंबर 2024 में, अध्यक्ष बीआर नायडू की अध्यक्षता वाले टीटीडी बोर्ड ने कहा था कि वह तिरुमाला में काम करने वाले गैर-हिंदुओं पर उचित निर्णय लेने के लिए एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को एक पत्र लिखेंगे। टीटीडी के अध्यक्ष ने अक्टूबर 2024 में हैदराबाद में कहा था कि भगवान वेंकटेश्वर के निवास स्थान तिरुमाला में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए। इसके अलावा, टीटीडी के नियमों के अनुसार गैर-हिंदुओं को मंदिर में दर्शन करने से पहले देवता में अपनी आस्था घोषित करनी होती है।

लड्डू विवाद से नाता

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 19 सितंबर को दावा किया था कि पिछली सरकार के दौरान तिरुमला लड्डू को बनाने में शुद्ध घी की बजाय जानवरों की चर्बी वाला घी इस्तेमाल किया जाता था। उनके इस दावे के बाद जमकर बवाल मचा था और तिरुपति मंदिर को घी की आपूर्ति करने वाली कंपनियां जांच के घेरे में आई थीं। हालांकि, बाद में यह मामला शांत हो गया, लेकिन इसी दौरान मंदिर की पवित्रता बनाए रखने और अन्य अनियमितताओं पर भी ध्यान दिया गया। इस घटना के बाद ही टीटीडी अध्यक्ष ने सिर्फ हिंदू कर्मचारी रखने की बात कही थी। अब गैर हिंदू गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article