सरसों की फसल में लग रहा है रोग तो करें इस दवा का छिड़काव, लहलहा उठेंगे खेत!

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:February 06, 2025, 10:21 IST

Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी में किसान बड़े पैमाने पर सरसों की खेती करते हैं. ये फसल अच्छा मुनाफा भी देती है पर बीज आने के समय इसमें रोग लगने का खतरा भी रहता है. इससे बचने के लिए आप ये दवाएं डाल सकते हैं.

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सरसों

सरसों के खेत में रोग 

हाइलाइट्स

  • सरसों की फसल में विल्ट और पाउडरी मिल्ड्यू का खतरा अधिक होता है.
  • कार्बेंडाजिम, एथिल प्रोमेथाइल, एजोजोल दवाओं का छिड़काव करें.
  • सही दवा से सरसों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है.

लखीमपुर खीरी. यूपी के लखीमपुर जिले में किसान पीली सरसों की खेती करते हैं और इससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होता है. हाल के महीने में बढ़े हुए सरसों के तेल के दाम के कारण से किसानों का ध्यान सरसों की खेती पर गया है. ये अब बड़े स्तर पर सरसों की खेती में लग रहे हैं. सरसों की खेती किसानों के लिए फायदेमंद बन चुकी है. लेकिन अगर सही मात्रा में उत्पादन न हो तो सारी मेहनत बेकार जाती है.

पूंजी निकालना भी मुश्किल
फरवरी के महीने में सरसों की फसल में दाना भरना शुरू हो जाता है और ऐसे में कई प्रकार के रोगों का खतरा भी रहता है. इससे किसानों का नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है. सरसों की फसल में सबसे अधिक विल्ट और पाउडरी मिल्ड्यू का खतरा होता है. रोग होने के बाद किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार पूंजी निकलना भी मुश्किल होता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इसको लेकर जमुनाबाद कृषि विज्ञान केंद्र 1 लखीमपुर-खीरी के कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रदीप बिसेन ने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण इस समय सरसों की
फसल में रोग बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. इसको लेकर किसान बेहद परेशान हो जाते हैं क्योंकि लखीमपुर जनपद में सरसों की खेती बड़े स्तर पर होती है. सरसों एक ऐसी फसल है जिसे कई सालों तक अपने पास रखा जा सकता है, ये खराब नहीं होती. इसलिए भी ये किसानों के लिए फायदे का सौदा होती है.

इन दवाओं का करें इस्तेमाल
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि सरसों की फसल में सबसे अधिक विल्ट और पाउडरी मिल्ड्यू का खतरा रहता है. विल्ट रोग के लक्षण की बात की जाए तो इसमें पत्ते तेजी से सूखने लगते हैं, फिर भूरे रंग के होते हैं, फिर काले पड़ जाते हैं. इसमें पत्ते पेड़ से नहीं गिरते हैं. पाउडरी मिल्ड्यू में पौधे के पत्तियों, तनों, और फूलों पर सफेद, धूल जैसी परत जम जाती है. कार्बेंडाजिम, एथिल प्रोमेथाइल दवा, एजोजोल जैसी दवाओं का छिड़काव कर पाउडरी मिल्ड्यू रोग से बचा जा सकता है.

Location :

Lakhimpur,Kheri,Uttar Pradesh

First Published :

February 06, 2025, 10:21 IST

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सरसों की फसल में लग रहा है रोग तो करें इस दवा का छिड़काव, लहलहा उठेंगे खेत!

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