Explainer: कितना ताकतवर है नासा का SPHEREx टेलीस्कोप, जेम्स वेब से कैसे है अलग

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Last Updated:February 06, 2025, 11:57 IST

नासा का SPHEREx टेलीस्कोप इसी महीने लॉन्च होने वाला है. इसे. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और हबल टेलीस्कोप से भी ज्यादा ताकतवर माना जा रहा रहा है. यह शुरुआती ब्रह्माण्ड के रहस्यों, बाहर के ग्रहों में पानी की मौजूद...और पढ़ें

 कितना ताकतवर है नासा का SPHEREx टेलीस्कोप, जेम्स वेब से कैसे है अलग

स्फियरएक्स जेम्स वेब टेलीस्कोप से बेहतर माना जा रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

हाइलाइट्स

  • नासा का SPHEREx टेलीस्कोप इसी महीने लॉन्च होगा
  • यह टेलीस्कोप ब्रह्माण्ड की पैदाइश की पड़ताल करेगा
  • यह जेम्स वेब टेलीस्कोप से कहीं बेहतर है

अंतरिक्ष अनंत की तरह है और केवल इंसान और उसकी तकनीकों की सीमाओं की वजह से ही उसके बारे में सीमित जानकारी मिल सकी है. फिर भी वैज्ञानिकों का मानना है कि कुल ब्रह्माण्ड का अभी तक केवल 5 फीसदी हिस्सा ही हम जान सके हैं. जैसे-जैसे हमारे पास उन्नत टेलीस्कोप और उपकरण बन रहे हैं, वैज्ञानिक और गहराई से ब्रह्माण्ड की जानकारी जुटा रहे हैं. नासा अब इस दिशा में एक कदम और बढ़ा रहा है. वह एक नया टेलीस्कोप SPHEREx स्पेस में स्थापित करने की तैयारी कर रहा है, जिसे इसी महीने लॉन्च किया जाएगा. लेकिन यह कितना खास है और पिछले उन्नत टेलीस्कोपों से कितना अलग है?

इसी महीने के अंत में
स्फियरएक्स स्पेस ऑब्जर्वेटरीको  इसी महीने की 27 तारीख को अमेरिका के कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया जाएगा. यह खगोलविदों को ब्रह्माण्ड की वह बड़ी तस्वीर दिखाने के लिए काम में आएगा जो कि उन्हें पहले कभी नहीं मिल सकी है. जाहिर है कि इस नए टेलीस्कोप की स्पेस में दूसरे टेलीस्कोप के तुलना होगी ही और बताया जा रहा है कि यह हबल और यहां तक कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से कहीं बेहतर है.

ब्रह्माण्ड की पैदाइश की भी पड़ताल
स्फियरएक्स (SPHEREx) दरअसल स्पेक्ट्रो-फोटोमीटर फॉर द हिस्ट्री ऑफ द यूनिवर्स, एपोक ऑफ रीआयोनाइजेशन एंड आइसे एक्सप्लोरर का छोटा स्वरूप है, जो एक इफ्रारेड टेलीस्कोप है.  इसका मकसद हमारी खुद की गैलेक्सी में जीवन के संकेतों की तलाश करना होगा. इसके साथ वह हमारे ब्रह्माण्ड और गैलेक्सी की पैदाइश की भी पड़ताल करेगा.

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स्फियरएक्स ब्रह्माण्ड के शुरुआती क्षण के बहुत ही छोटे हिस्से की घटना का अध्ययन करेगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

जेम्सवेब से कितना अलग?
जहां जेम्सवेब स्पेस टेलीस्कोप का खर्च 10 अरब डॉलर यानी 875 अरब 27 करोड़ 65 लाख रुपये है. उसकी तुलना में स्फियरएक्स का खर्च केवल  42 अरब 71 करोड़ 35 लाख रुपये के आसपास हुआ है. दूसरी ओर जहां जेम्सवेब (और हबल भी) आसमान के खास हिस्सों का गहराई से अध्ययन करते हैं, स्फियरएक्स ब्रह्माण्ड की बड़ी तस्वीर का नक्शा बनाएगा. ब्रह्माण्ड की पैदाइश के कई राज खोलने में मददगार होगा.

ब्रह्माण्ड के शुरूआत का वह क्षण
स्फियरएक्स अन्य टेलीस्कोप के विपरीत ब्रह्माण्ड के बड़े स्वरूप का अध्ययन करेगा. वेधशाला खगोलीय घटना इन्फ्लेशन का जानकारियां जुटाने का काम करेगी. इन्फ्लेशन बिग बैंग की घटना के शुरूआती क्षण को कहा जाता है जब ब्रह्माण्ड का आकार सेकेंड के खरबों खऱब के अरबवें हिस्से में ही खरबों खरबों गुना बढ़ गया था. नासा का कहना है कि इस घटना के प्रभाव आज ब्रह्माण्ड में बड़े स्तर पर फैल पदार्थ के रूप में दिखाई देते हैं. इनके अध्ययन से ब्रह्माण्ड की पैदाइश का रहस्य सुलझ सकता है.

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ब्रह्माण्ड का नक्शा बनने से उसके कई रहस्य खुल सकेंगे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

पूरे ब्रह्माण्ड का नक्शा
स्फियरएकस वेधशाला 102 अधोरक्त तरंगों का अध्ययन कर पूरे ब्रह्माण्ड का नक्शा बनाने का करेगी और पास और दूर की सभी गैलेक्सी से निकलने वाले संयुक्त चमक का मापन कर करेगी. हर गैलेक्सी का अवलोकन कर सभी गैलेक्सी से निकलने वाली कुल चमक का मापन किया जाएगा. इसमें किसी भी गैलेक्सी को नहीं छोड़ जाएगा चाहे वे बहुत छोटी हों, बहुत ही बिखरी हों, या फिर दूसरे टेलीस्कोप के लिए बहुत ही ज्यादा दूर क्यों ना हों.

नए ग्रहों का भी अध्ययन
फिर भी स्फियरएक्स जेम्स वेब टेलीस्कोप के साथ मिल कर हमारी गैलेक्सी के ग्रहों पर जीवन के संकेतों की तलाश में उसकी मदद भी करेगा और ग्रहों की हाई रिजोल्यूशन वाली तस्वीरें हासिल करेंगा. इससे वैज्ञानिकों को मिल्कीवे के अन्य ग्रहों की वायुमंडल के बादल पानी आदि का गहराई से अध्ययन करने में मदद मिलेगी.

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टेलीस्कोप रोजाना 600 तस्वीरें हासिल करेगा और अपने 27 महीने के अभियान में धीरे धीरे हर छह महीने में पूरे आकाश का नक्शा बनाएगा जिससे पूरे आकाश का चार बार स्कैन कर  वह तस्वीर बनाएगा जो जो अब तक हासिल नहीं की जा सकी थी. वह जेम्सवेब स्पेस टेलीस्कोप से कुछ बड़ा है. लंबाई में 8.5 फुट और चौड़ा में 10,5 फुट होकर वहा करोड़ों खगोलीय पिंडों के बहुत ही ज्यादा आंकड़ों को छोटे से अंतराल में दिख जाता है.

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

February 06, 2025, 11:56 IST

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