जादु या आशीर्वाद! ये है रांची का चमत्कारी किचन, जहां कभी खत्म नहीं होता खाना

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Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 06, 2025, 11:35 IST

Ranchi News: रांची के जगन्नाथ मंदिर में एक "जादुई किचन" है, जहां खाना कभी खत्म नहीं होता. यहां रसोइया के मुताबिक, हर दिन 1000 से अधिक श्रद्धालु प्रसाद लेते हैं, लेकिन कभी भी किसी को खाली हाथ नहीं लौटना पड़ता.

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इसे कहते हैं रांची का जादुई किचन जितना भी खाना बना लो कभी नहीं घटता, भगवान का आश

हाइलाइट्स

  • रांची के जगन्नाथ मंदिर में जादुई किचन है।
  • यहां हर दिन 1000 से अधिक श्रद्धालु प्रसाद लेते हैं।
  • खाना कभी खत्म नहीं होता, सभी को मिलता है प्रसाद।

रांची. झारखंड की राजधानी रांची में एक ऐसा किचन है जिसे देखकर और इसके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. लोग इसे ‘जादुई किचन’ कहते हैं, क्योंकि यहां जितना भी कम खाना बने, वह कभी खत्म नहीं होता. यहां के लोगों का मानना है कि यह जगन्नाथ भगवान का आशीर्वाद है. ऐसा ही एक किचन पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भी है, जहां पर श्रद्धालुओं का खाना कभी खत्म नहीं होता. उसी तरह रांची के जगन्नाथ मंदिर में भी एक किचन है.

यहां के रसोइया शिवानंद बताते हैं कि जगन्नाथ मंदिर परिसर में भक्तों को प्रसाद देने के लिए एक बड़ा किचन बना हुआ है. यहां दिन में दो बार प्रसाद बनता है. चावल, दाल, सब्जी और खीर ये चार चीजें बनाई जाती हैं। यहां हर समय 100 से 150 श्रद्धालु खाते हुए नजर आ जाएंगे। दिन में 1000 से अधिक लोग यहां खाना खाते हैं.

कभी नहीं घटता खाना, हर भक्त को मिलता है
रसोइया शिवानंद बताते हैं कि खाना एक निश्चित मात्रा में ही बनता है, लेकिन इसके बावजूद आज तक ऐसा नहीं हुआ कि कोई श्रद्धालु बिना प्रसाद के वापस लौटा हो. एक बार भोग सुबह 9 बजे और एक बार 3 बजे बनता है. एक बार में 15 किलो चावल, 10 किलो दाल और 10 किलो खीर बनती है. बड़ी शुद्धता के साथ भगवान जगन्नाथ को प्रणाम कर खाना पकाया जाता है.

उन्होंने बताया कि यहां का किचन भी काफी पवित्र है. ऐसा नहीं है कि कोई भी अंदर आ जाए. केवल दो से तीन रसोइया ही अंदर जाते हैं. हम सुबह स्नान करके भगवान की पूजा करते हैं और सफेद रंग की धुली हुई धोती पहनते हैं. फिर खाना बनाने से पहले एक बार फिर स्नान करते हैं. कोई भी बाहरी व्यक्ति या मंदिर का अन्य कर्मचारी किचन में प्रवेश नहीं कर सकता.

आप भी पा सकते हैं भोग
रसोइया शिवानंद बताते हैं कि मैं पिछले 14 साल से इस किचन की जिम्मेदारी संभाल रहा हूं, लेकिन 14 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई भी श्रद्धालु यहां से खाली हाथ लौटा हो. आश्चर्य की बात यह है कि अंतिम श्रद्धालु के आते-आते खाना भी खत्म हो जाता है और सभी श्रद्धालु संतुष्ट होकर चले जाते हैं. आप भी यहां का भोग प्रसाद पाना चाहते हैं तो हर दिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक यहां आ सकते हैं.

Location :

Ranchi,Jharkhand

First Published :

February 06, 2025, 11:35 IST

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